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फैरो स्क्रैप निगम का दिल्ली की टीम ने किया वैल्युएशन

ByPrompt Times

Jul 16, 2021

16-जुलाई-2021 | भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी मेटल स्क्रैप ट्रेड कारपोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वमित्व वाली इकाई फैरो स्क्रैप निगम का निजीकरण करने दिल्ली से पहुंची तीन सदस्यीय ने वैल्युएशन किया। इस दौरान फैरो स्क्रैप निगम में चल रहे कामकाज और उसकी परिसंपत्तियों को भी देखा। टीम के सदस्यों ने अफसरों से अन्य आवश्यक जानकारी भी ली।

उल्लेखनीय है कि एफएसएनएल की भिलाई मुख्यालय के अलावा सेल के राउरकेला, बर्नपुर, बोकारो, विशाखापटनम, दुर्गापुर, डुबुरी, हरिद्वार, भद्रावती, सेलम, मुंबई, हजीरा सहित हैदराबाद में कार्यालय है। जहां पर स्टील प्लांट से निकलने वाले लौह कचरे (स्क्रैप) की बिक्री की जाती थी। अब इसकी जगह नई कंपनी को लाने की तैयारी बताई जा रही है।

भारत सरकार इस कंपनी के निजीकरण की तैयारी में है। स्क्रैप प्रोसेसिंग कारोबार की शुरुआत 1956 में की गई थी। तब से सेल के सभी यूनिट सहित जहां कहीं भी लौह निर्माण की प्रक्रिया होती थी। वहां पर फैरो स्क्रैप निगम का गठन किया गया था। देशभर में 350 अफसर, 800 कर्मचारी और 7000 ठेका श्रमिक है। वहीं भिलाई मुख्यालय में 23 अफसर, 145 कर्मचारी और 600 ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं। इनमें अब आक्रोश की स्थिति है।

शुद्ध मुनाफा कमाने वाली कंपनी

फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड एक मुनाफा कमाने वाली कंपनी है, जो सीमित मैनपावर और आउटसोर्सिंग कांट्रैक्ट के जरिए इस्पात संयंत्रों में प्रोसेस के दौरान उत्पन्ना होने वाले स्क्रैप को प्रोसेस कर बेचने का कार्य करती है। वर्ष 2020 21 में जहां कंपनी ने 32 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ कमाया था। वही इसका शुद्ध लाभ 23 करोड़ रुपए था।

यह काम होता है

एफएसएनएल की भिलाई इस्पात संयंत्र में इस्पात उत्पादन एवं स्क्रैप प्रोसेसिंग में बड़ी भूमिका है । कनवर्टर में उत्पादन में उपयोग होने वाली स्टील स्क्रैप को प्रोसेस करना हो या रिजेक्टे स्लैब को साइज में काटकर बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध कराना है । इसके साथ -साथ मकडम ,रेलमिल ,फाउंड्री से लेकर लगभग सभी जगह यह मुख्य रूप से स्क्रैप नियोजन में कार्यरत है । एक समय जब भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन में कमी आई थी तब स्लैब प्रोसेसिंग से काफी आर्थिक मदद पहुंची थी।

भिलाई की तीसरी कंपनी

भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद ही सहयोगी कंपनी के रूप में एचएससीएल, बीआरएपी एवं एफएसएनएल की स्थापना की गई थी। उक्त तीनों ही कंपनी केंद्र सरकार के अधीन स्वतंत्र इकाई के रूप में काम कर रही थी। बाद में एचएससीएल को निजी हाथों में सौंप दिया गया वहीं बीआरपी का संचालन अब सेल के हाथों में है। अब एफएसएनएल तीसरी कंपनी है जिसे निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसे लेकर विरोध की स्थिति बनीं हुई है।

केंद्र को सौंपेंगे रिपोर्ट

एफएसएनएल का वैल्युएशन करने 15 जुलाई को टीम ने पूरे समय कंपनी के विभिन्ना हिस्सों का निरीक्षण किया। तीन सदस्यी टीम में राजश्री राय, अनेरी अश्वनी एवं मोहित संधवी शामिल थे। इस दौरान टीम के सदस्यों ने कंपनी से जुड़ी हर जानकारी ली। वर्तमान में कार्यरत श्रमशक्ती, कंपनी की परिसंपत्तियां, उत्पादन आदि की जानकारी भी ली। कार्यालय में अफसरों के साथ बैठक भी की। बताया जाता है कि पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी।

Source;-“नईदुनिया न्यूज”

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