30 दिसंबर 2022 | इसलिए जब 2022 आया, तो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की उम्मीदें बढ़ीं और पिछले दो साल तक जो फ़िल्में रिलीज़ नहीं हो पाई थीं, वो भी इस साल रिलीज़ हुईं.
कुल मिलाकर इस साल 850 हिंदी फिल्में रिलीज़ हुईं. ये वो फ़िल्में हैं, जिन्हें सिनेमाघरों में रिलीज़ किया गया.
जबकि ओटीटी पर कम से कम 200 बड़ी और छोटी फ़िल्में आईं.
शायद ये एक वजह रही कि फ़िल्म निर्माताओं को भारी नुक़सान उठाना पड़ा.
इस साल आईं उन फ़िल्मों की बात करते हैं जो बड़े स्टार और बड़े बजट के बावजूद फ़्लॉप रहीं.
आम तौर पर हर साल बॉलीवुड की लिस्ट में 30 फ़िल्में ऐसी होती हैं जिनका कलेक्शन ब्लॉकबस्टर रहता है.
बॉक्स ऑफ़िस पर इनके कलेक्शन को देख उन्हें हिट या सुपर हिट की श्रेणी में रखा जाता है.
बीबीसी हिंदी से बात करते हुए जाने माने फ़िल्म ट्रेड एनॉलिस्ट गिरीश वानखेड़े कहते हैं, “इस साल भी 23 ऐसी फ़िल्में थीं, जिनकी लागत बहुत थी और बड़े सुपरस्टार के होने के नाते उनका हिट होना तय माना जा रहा था.”
उनके मुताबिक, इस साल 850 फ़िल्मों में से 22 को लेकर बहुत उम्मीद लगाई जा रही थी.
लेकिन इनमें सिर्फ़ पाँच फ़िल्में ही सफल रहीं जैसे- ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘भूल भुलैया-2’ , ‘दृश्यम-2’, ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘गंगूबाई’.
लेकिन बॉलीवुड की इस ख़ाली जगह को दक्षिण भारत की फ़िल्मों ‘RRR’, ‘केजीएफ़-2’, ‘पुष्पा’ और ‘कांतारा’ ने भरा.
गिरीश वानखेड़े कहते हैं, “हिंदी में भी रिलीज़ होने के चलते इन फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफिस के बिजनेस में इजाफ़ा किया. इनकी वजह से बॉलीवुड की कमाई में इजाफ़ा हुआ. बॉलीवुड की ये हालत एक चिंता का विषय है, इस साल इंडस्ट्री को भारी नुक़सान झेलना पड़ा और करोड़ों रुपए डूब गए.”
गिरीश वानखेड़े के अनुसार इस साल फ़्लॉप फ़िल्में ज़्यादा रहीं. कई डिज़ास्टर फ़िल्में या बेहद ख़राब फ़िल्मों ने सबसे बड़ा झटका दिया. इनकी मार्केटिंग अच्छी थी, बजट अच्छा ख़ासा था लेकिन वे चली नहीं.
वो कहते हैं कि इन फ़िल्मों में पहला नाम ‘सम्राट पृथ्वीराज’ का है. उसका बजट 220 करोड़ रुपए था. लेकिन उसका बिज़नेस 82 करोड़ रुपए रहा. यह बहुत बड़े बजट की फ़िल्म थी और लीड रोल में थे अक्षय कुमार.
गिराश कहते हैं, “इसका फ़्लॉप होना इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका था. बड़े बजट और बड़े स्टार कास्ट वाली दूसरी फ़्लॉप फ़िल्म थी ‘बच्चन पांडे’ और इसमें भी लीड रोल में अक्षय कुमार ही थे. इस फ़िल्म का बजट 160 करोड़ रुपए था और बॉक्स ऑफ़िस पर इसका कलेक्शन क़रीब 60 करोड़ रुपए हुआ. यह बहुत बड़ी डिजास्टर फ़िल्म थी.”
वो कहते हैं, “अगर डिज़ास्टर फ़िल्मों की बात करें तो आमिर ख़ान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ भी इसी श्रेणी में आती है. उसका बजट था 180 करोड़ रुपए और उसने कमाई की महज़ 73 करोड़ रुपए.”
“इसी तरह फ़िल्म थी ‘विक्रम वेदा’, जिसका बजट था 150 करोड़ रुपए और बिजनेस हुआ 93 करोड़ रुपए. इन फ़िल्मों से अच्छे बिज़नेस की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इनका हाल बहुत बुरा रहा.”
सोर्स :-“ZEE न्यूज़ हिंदी”