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चिंता खत्म… 50 साल बिना चार्ज किए चलेगी न्यूक्लिर बैटरी, जानिए मोबाइल से ड्रोन तक कितना काम आएगी

ByPrompt Times

Jan 12, 2024

एक्सरे रेडिशन सिस्टम के बाद चीन ने अब खास तरह की बैटरी तैयार कर ली है. इसे बिना चार्ज किए 50 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा. जानिए क्या-क्या खास है इस बैटरी में और कितना काम आएगी.

एक्सरे रेडिशन सिस्टम के बाद चीन ने अब खास तरह की बैटरी तैयार कर ली है. इसे बिना चार्ज किए 50 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा. बैटरी को तैयार करने वाली चीन की स्टार्टअप कंपनी बीटावोल्ट का कहना है कि यह बैटरी काफी अलग है. इसे न तो हमेशा चार्ज करने की जरूरत होगी और न मेंटीनेस की. यह बैटरी परमाणु ऊर्जा से चलती है. इनका इस्तेमाल ड्रोन और फोन समेत कई तरह के इक्विपमेंट्स के लिए किया जा सकेगा.

 

कंपनी का दावा है कि न तो इस बैटरी में आग लगेगी और न ही दबाव पड़ने पर विस्फोट करेगी क्योंकि अलग-अलग तापमान पर इसका परीक्षण किया जा सकेगा. फिलहाल नेक्स्ट जेनरेशन की बैटरी पायलट टेस्टिंग की फेज में है, लेकिन कंपनी का दावा है कि यह बड़ा बदलाव ला सकती है. जानिए क्या-क्या खास है इस बैटरी में और कहां-कहां इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.

 

कैसे काम करती है?

इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैटरी आइसोटोप से निकलने वाली एनर्जी को इलेक्ट्रिसिटी में बदलने का काम करती है. पहली बार इस प्रक्रिया को 20वीं सदी में विकसित किया गया था. सोवियत संघ ओर अमेरिका के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह कॉन्सेप्ट तैयार किया था. वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का इस्तेमाल अंडरवॉटर सिस्टम और रिमोट साइंटिफिक स्टेशन में किया गया था. हालांकि, इसकी लागत अधिक आ सकती है और यह महंगी बैटरी साबित हो सकती है.

 

चीन ने देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021) को लॉन्च किया था. यह नई बैटरी अब उसी प्लान का हिस्सा है. सिर्फ चीन ही नहीं, अमेरिका और यूरोप भी इस तकनीक पर काम कर रहे हैं. हालांकि, चीन इसमें आगे निकलता हुआ दिखाई दे रहा है.

 

कहां-कहां काम आएगी परमाणु ऊर्जा वाली बैटरी?

चीनी कंपनी बीटावोल्ट का कहना है, परमाणु ऊर्जा वाली यह कंपनी कई सेक्टर में क्रांति ला सकती है. इनका इस्तेमाल एयरोस्पेस, एआई इक्विपमेंट्स, मेडिकल इक्विपमेंट, हाईटेक सेंसर, छोटे ड्रोन, माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोरोबोट में भी किया जा सकता है. कंपनी का दावा है कि नई बैटरी एआई की दुनिया में क्रांति लाने का काम करेगी.

 

खास बात है कि यह बैटरी -60C से 120 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में काम करने में सक्षम है. लम्बे समय तक काम करने के कारण इसका इस्तेमाल इंसान के शरीर में लगने वाले पेसमेकर्स, आर्टिफिशियल हार्ट और कोक्लिया में भी किया जा सकता है.

 

कंपनी का दावा है कि इनके छोटे आकार के कारण अगर इन्हें जोड़ा जाए तो ज्यादा बिजली पैदा की जा सकती है. कंपनी का कहना है कि इसकी खूबियों के कारण ऐसे मोबाइल की कल्पना की जा सकती है जिससे चार्ज करने की नौबत ही नहीं आएगी.

 

कितनी पावर मिलेगी?

बीटावोल्ट का कहना है कि यह पहली न्यूक्लियर बैटरी है जो 100 माइक्रोवॉट की पावर पैदा करती है. इसके अलावा यह 3 वोल्टेज की बिजली देती है. हालांकि, कंपनी की योजना है कि 2025 तक इसे 1 वॉट की पावर पर ले जाए. इसका आकार फिलहाल सिक्के के आकार का है, जिसे मोबाइल से लेकर ड्रोन तक में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह ड्रोन लम्बे समय तक उड़ता रहेगा

 

सोर्स – टीवी 9

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