• May 4, 2024 10:39 am

पिथौरागढ़ में भी कर सकते हैं नेपाल के ‘पशुपतिनाथ’ मंदिर का दर्शन, जानिए

12 सितंबर 2022 पिथौरागढ़. उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए तो विश्व प्रसिद्ध तो है ही साथ ही इसे सबसे अलग बनती है. यहां की सभ्यता और यहां के मंदिर जिस कारण उत्तराखंड का नाम देवभूमि पड़ा है. यहां ऐसे अनेकों मंदिर है जो पौराणिक काल से ही मौजूद है, इन्ही मंदिरों की शृंखला में हम आज जानने वाले है पिथौरागढ़ में स्थित जिले का एकमात्र भगवान शिव के अवतार पशुपतिनाथ के मंदिर के बारे में, जिसका बड़ा और भव्य मंदिर काठमांडू नेपाल में है जो विश्व प्रसिद्ध है.

पिथौरागढ़ का पशुपतिनाथ मंदिर शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर चंडाक में रतवाली की ऊंची पहाड़ी पर है. चारों तरफ से बांज के जंगलों से घिरी इस जगह में प्राकृतिक सौंदर्य से मन को असीम शांति मिलती है. यही पशुपतिनाथ मंदिर से थोड़ा आगे चलकर पिथौरागढ़ का प्रसिद्ध मोष्टमानु मंदिर है, जहां मोष्टा देवता को लोग बारिश के देवता के रूप में पूजते है. इन दोनों मंदिरों की स्थापना का मूल स्वरूप नेपाल ही माना जाता है. जिसकी स्थापना 1619 में यहां के निवासियों की नेपाल यात्रा के बाद मानी जाती है, मोष्टमानु मंदिर में आने वाले भक्त पशुपतिनाथ के दर्शन जरूर करते हैं.

सड़क से 400 मीटर की पैदल दूरी तय करके पशुपतिनाथ मंदिर में पहुंचा जा सकता है , यह मंदिर हमेशा यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है. जहां भगवान् शिव के अवतारों की मूर्ति स्थापित की गयी है, नवरात्रि के दिनों और शिवरात्रि को यहां विशिष्ट पूजा होती है. प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मंदिर का प्रांगण में एक मैदान भी है. पिथौरागढ़ का पशुपतिनाथ मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटन का विशेष केंद्र भी बन सकता है.

जिसके संरक्षण के लिए स्थानीय लोग मांग भी करते आये है, पर्वतीय संस्कृति के जानकार जुगल किशोर पांडेय ने इस मंदिर का संरक्षण कर धार्मिक पर्यटन के रूप में इसे विकसित करने की बात कही हैं.

Source:- न्यूज़ 18

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *