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म्यांमार से आये 12 नागरिकों ने ली मिज़ोरम में शरण

ByPrompt Times

Mar 6, 2021
म्यांमार से आये 12 नागरिकों ने ली मिज़ोरम में शरण

म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट की घटना के बाद हाल ही में म्यांमार के कम से कम 12 नागरिकों ने भारतीय सीमा पार कर पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम में शरण ली है.

सेरछिप ज़िले के डिप्टी कमिश्नर कुमार अभिषेक ने बीबीसी से अपने ज़िले में आठ म्यांमारी नागरिकों के शरण लेने की बात की पुष्टी की है.

स्थानीय अंग्रेज़ी दैनिक अख़बार मिज़ोरम पोस्ट में प्रकाशित एक अन्य जानकारी के अनुसार, चार म्यांमारी नागरिक इस समय चंपई ज़िले में शरण लिए हुए हैं.

सेरछिप ज़िले के डिप्टी कमिश्नर कुमार अभिषेक ने कहा, “म्यांमार के आठ नागरिकों ने हमारे ज़िले में शरण ले रखी है. तीन लोग बुधवार को आये थे और पाँच लोग कल आये हैं. इन सभी लोगों को भारत-म्यांमार सीमा से लगभग कुछ किलोमीटर दूर लुंगकोल गाँव में एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया हैं. ज़िला प्रशासन की तरफ़ से उनके खाने-पीने का इंतज़ाम किया जा रहा है.”

क्या इन आठ लोगों में म्यामांर पुलिस के लोग भी शामिल हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा, “इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है कि वे म्यांमारी पुलिस के लोग हैं या फिर आम नागरिक हैं. ये लोग एक मिश्रित समूह है. हमने इन सभी लोगों की विस्तृत जानकारी गृह विभाग को भेज दी है और सरकार के अगले निर्देश का इंतज़ार कर रहें है. जब से म्यांमार में राजनीतिक स्थिति बदली है, तभी से हमारे बार्डर पर अलर्ट है और हम पैनी नज़र रखे हुए हैं.”

मिज़ोरम सरकार ने आने वालों की पहचान आम नागरिकों के रूप में की है. सरकार की ओर से शरण लेने वालों में सरकारी कर्मचारी होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

लेकिन सीमावर्ती सेरछिप ज़िले में इस घटना को कवर कर रहे एक स्थानीय पत्रकार सी. लालहिंघलुआ ने बीबीसी से कहा, “जिन आठ म्यांमारी नागरिकों ने बॉर्डर से सटे मिज़ोरम के लुंगकोल गाँव में शरण ले रखी है, उनमें छह म्यांमार पुलिस के जवान हैं, जबकि बाक़ि के दो लोगों में एक पुलिस अधिकारी की पत्नी हैं और उनकी बच्ची है.”

पत्रकार सी. लालहिंघलुआ ने दावा किया कि म्यांमार से भागे पुलिस के ये सभी जवान बॉर्डर के उस पार डॉन गाँव के रहने वाले है.

वे कहते हैं, “तख़्तापलट करने वाली म्यांमार सेना ने इन पुलिस अधिकारियों पर वहाँ के नागरिकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के आदेश दिये थे, लेकिन इन लोगों ने आदेश को नहीं माना और भागकर यहाँ आ गए.”

म्यांमार के बार्डर से सटे चम्फ़ाई ज़िले के डिप्टी कमिश्नर मारिया सीटी जुआली ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा, “राज्य सरकार ने हाल ही में म्यांमार से शरणार्थियों के संभावित प्रवाह को देखते हुए मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर/एसओपी) जारी की है.”

डिप्टी कमिश्नर जुआली के अनुसार, म्यांमार के 100 से अधिक लोगों ने हाल ही में मिज़ोरम में शरण लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास किया था, लेकिन बॉर्डर पर तैनात असम राइफ़ल्स के सैनिकों ने भारत के क्षेत्र में किसी को भी अवैध प्रवेश की अनुमति नहीं दी.

मिज़ोरम म्यांमार के साथ 404 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और इस सीमा की रखवाली की ज़िम्मेदारी असम राइफ़ल्स के सैनिकों को सौंपी हुई है.

मिज़ोरम पोस्ट ने असम राइफ़ल्स के डीआईजी दिग्विजय सिंह के हवाले से ख़बर प्रकाशित करते हुए लिखा है कि ‘केंद्र के उच्च अधिकारियों ने म्यांमार से किसी भी अवैध नागरिक को प्रवेश की अनुमति नहीं देने के लिए कहा था.’

मिज़ोरम सरकार ने गुरुवार को केंद्र को राज्य में म्यांमार शरणार्थियों और पड़ोसी देश से अधिक शरणार्थियों की संभावना के बारे में सूचित किया है. राज्य के गृह मंत्री लालचामलिया अगले बजट सत्र में म्यांमार के शरणार्थियों पर एक बयान जारी करेंगे.

दरअसल, हाल ही में मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने कहा था कि उनकी सरकार और मिज़ोरम के लोग म्यांमार से आने वाले किसी भी जातीय मिज़ो या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन में भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति का खुले हाथों से स्वागत करेंगे. लेकिन यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला होने के कारण फ़िलहाल मिज़ोरम सरकार केंद्र की दिशा-निर्देशों के बिना अपने दम पर कोई क़दम उठाती नहीं दिख रही है.

हालांकि पत्रकार सी. लालहिंघलुआ के अनुसार, मिज़ोरम के सीमावर्ती इलाक़ों में रहने वाले लोग म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों को शरण देने के लिए तैयार हैं.


















BBC

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