शांतिनिकेतन। ‘एक फूल, दो माली’ वाली कहावत सबने सुनी है लेकिन ‘लाखों फूल, एक माली’ जैसी उक्ति शायद ही किसी ने सुनी हो। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का बसाया शांतिनिकेतन केवल विश्वभारती विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध नहीं है बल्कि अनुकूल सरकार के हाथों सजी फूलों की बगिया के लिए भी मशहूर है, जहां 200 से ज्यादा प्रजातियों के फूलों के 10,000 गमले हैं। इनमें विविध प्रकार के विदेशी फूल भी शामिल हैं। 66 साल के अनुकूल पिछले डेढ़ दशक से टैगोर की धरती को लाखों फूलों से महकाते आ रहे हैं।
स्थानीय लोग कहते हैं कि शांतिनिकेतन आकर अनुकूल की बगिया नहीं देखी तो यहां आना अधूरा है। अनुकूल शांतिनिकेतन के दक्षिण पल्ली स्थित ‘दक्षिण हवा’ आवास के बागवान हैं। मूल रूप से मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर अंचल के बलरामपुर के रहने वाले अनुकूल ने बताया-‘ पिछले 22 वर्षों से बागवानी करता आ रहा हूं। रामपद घोष नामक एक परिचित से बागवानी के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई। उन्हीं के सान्निध्य में बागवानी के गुर सीखे। मैं 15 साल पहले शांतिनिकेतन आया था और तब से यहां बागवानी कर रहा हूं। बागवानी के कारण तब से अब तक एक बार भी घर नहीं जा पाया हूं इसलिए परिवार को ही यहां बुला लिया। बागवानी के कारण मेरे सारे रिश्तेदार छूट गए हैं।’ अनुकूल के परिवार में मां, पत्नी और दो बेटियां हैं। बेटियों की शादी हो चुकी है।
अनुकूल के लिए संतान की तरह हैं फूल
एनटीपीसी फरक्का के पूर्व कर्मचारी अनुकूल के लिए फूल संतान की तरह हैं और वे दिन-रात उनकी देखभाल करते हैं। फूलों को कब भूख-प्यास लगती है, कब वे जाग या सो रहे होते हैं, कब बीमार पड़ जाते हैं, उन्हें देखने मात्र से अनुकूल को इसका पता चल जाता है। अनुकूल को बंगाल सरकार से आठ बार ‘सर्वश्रेष्ठ बागवान’ का पुरस्कार मिल चुका है। शांतिनिकेतन के प्रत्येक घर में बागवानी संस्कृति की तरह है। लोग अपने घर के अहाते में फूलों की बगिया सजाते हैं। वे अनुकूल से आकर बागवानी के नुस्खे लेते हैं। अनुकूल भी बड़े चाव से उन्हें बागवानी की बारीकियां बताते हैं। विश्वभारती विश्वविद्यालय के बागवान भी उनसे बागवानी को लेकर सलाह-मशाविरा करते हैं।
अनुकूल ने बताया-‘फूलों को काफी जतन की जरूरत पड़ती है। अलग-अलग फूल का अलग-अलग सीजन होता है। उन्हें रोपने के लिए अलग-अलग प्रकार की मिट्टी और उर्वरक की जरूरत पड़ती है। फूलों की सबसे ज्यादा देखभाल ठंड के मौसम में करनी पड़ती है।
कौन-कौन से फूल हैं अनुकूल की बगिया में
अनुकूल की बगिया में गुलाब, चंद्रमल्लिका (पोमपोम), डालिया, चंपा, चमेली, पिटुनिया, कैलेंडुला, गेंथास, स्नो बॉल, एंटेरियम, गेंदा, चाइनीज गेंदा, सालभिया, सैलोसिया, गैजेनिया, जेरेनियम, रुट बेकिया, सूर्यमूखी, दोपाटी, जिनिया, स्टार, गेडुलस, आलिश्याम समेत विभिन्न तरह के फूल हैं। अनुकूल ने बताया कि फूलों को सही समय पर सही मात्रा में पानी और उर्वरक देना पड़ता है। ज्यादा पानी देने से उनकी जड़ें सड़ सकती हैं, जिससे उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। अनुकूल ने आगे कहा कि फूलों को जब कोई परेशानी होती है तो उनके पत्ते पीले रंग के होने लगते हैं और स्वस्थ रहने पर उनके पत्तों में हलकी लालिमा रहती है।