• May 1, 2024 12:51 am

छत्तीसगढ़ के किसानों को जंगल में रहने वालों को हाथियों के द्वारा कुचले जाने मारे जाने और उनकी फसल नष्ट होने की घटनाओं से रमन सरकार 15 साल तक आंख मीच कर बैठी

ByPrompt Times

Aug 1, 2020
मोदी सरकार ने देश को पूरी तरह से निराश ही किया है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक मामले में छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ वासियों के हकों और हितों की बात को पुरजोर तरीके से रखा
विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने हाथी अभयारण्य की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए 
आज की सहमति  से स्पष्ट है कि भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में हाथी अभयारण्य बनाने के लिए कितनी गंभीर है

रायपुर/ 31 जुलाई 2020 । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर 5 कोल ब्लॉक केंद्र सरकार द्वारा नीलामी से हटाए जाने की सहमति पर प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक मामले में छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ वासियों के हकों और हितों की बात को पुरजोर तरीके से रखा। इन पांच कोल ब्लॉकों के हटने से हसदेव के कैचमेंट एरिया में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तावित उत्खनन से होने वाले पर्यावरण वन जीवन हसदेव और मांड नदी के कैचमेंट और इन क्षेत्रों में रहने वालों को होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इन पांच प्रस्तावित कोल ब्लॉकों के कारण होने वाले विस्थापन और प्रदेश के नुकसान को रोकने को लेकर सहमति बनाने में सफलता प्राप्त की है।  केंद्र सरकार के समक्ष कोयले की रॉयल्टी पर छत्तीसगढ़ राज्य के हितों और हकों को राज्य सरकार ने प्रभावी ढंग से सामने रखा।
 कांग्रेश संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जंगल नदी नाले हमारे प्राकृतिक संसाधन है जिन पर छत्तीसगढ़ राज्य के किसान और जंगल में रहने वाले लोग  अपने जीवनयापन के लिए बड़ी संख्या में निर्भर करते हैं। निश्चित रूप से लोहा कोयला का खनन आवश्यक है लेकिन इस खनन के साथ-साथ हमारे संसाधनों की रक्षा और उन संसाधनों पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर छत्तीसगढ़ वासियों की हित रक्षा कैसे की जाती है , यह भूपेश बघेल सरकार ने दिखा दिया है। 
कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इन 5 ब्लॉकों की नीलामी रोकने की सहमति बनने से हसदेव नदी और मांड नदी के केचमेंट एरिया की रक्षा होगी और हाथी अभयारण्य बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। हाथियों के प्राकृतिक आवास के इलाकों में बढी खनन गतिविधियों से छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवाजाही बड़ी और राजधानी रायपुर के सीमा तक अब जंगली हाथी आने लगे हैं। विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने हाथी अभयारण्य की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए और छत्तीसगढ़ के किसानों को जंगल में रहने वालों को हाथियों के द्वारा कुचले जाने मारे जाने और उनकी फसल नष्ट होने की घटनाओं से 15 साल तक आंख मीच कर बैठी रही। आज की सहमति  से स्पष्ट है कि भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में हाथी अभयारण्य बनाने के लिए कितनी गंभीर है। हाथी अभयारण्य बनने से ही मैन एलीफेंट कनफ्लिक्ट की घटनाओं में कमी आएगी और छत्तीसगढ़ के बहुमूल्य जनजीवन के साथ-साथ फसलों की भी रक्षा हो सकेगी।
 
शैलेश नितिन त्रिवेदी 
अध्यक्ष कांग्रेस संचार विभाग 
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *