अबु धाबी. इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच पहली ऐतिहासिक व्यावसायिक उड़ान सोमवार को बेन गुरियन हवाईअड्डे से उड़कर अबु धाबी पहुंची है. अमेरिकी मध्यस्थता से दोनों देशों के रिश्ते सामान्य होने लगे हैं. इस उड़ान में अमेरिका और इजराइल (Israel) के शीर्ष स्तर के अधिकारी भी अबु धाबी आए हैं. सोमवार को तीन घंटे 20 मिनट की यात्रा करके यह विमान एल अल अबु धाबी पहुंचा है, इस दौरान वह सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र से होते हुए राजधानी रियाद के ऊपर से गुजरा. इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 13 अगस्त को घोषणा की थी कि वे अमेरिका की मध्यस्थता से हुए समझौते के तहत पूर्ण कूटनीतिक संबंधों को स्थापित कर रहे हैं. इस समझौते के तहत इजराइल को पश्चिम तट के कुछ हिस्सों को अपने अधिकार क्षेत्र में मिलाने की अपनी योजना पर रोक लगानी है.
इस कदम को बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इजराइली राष्ट्रीय विमानन कंपनी, एल अल का विमान सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरा। विश्लेषक इसे खाड़ी देशों द्वारा इजराइल को स्वीकार किए जाने और संभवत: उस क्षेत्र में अन्य “मित्रवत देशों” के साथ रिश्तों के सामान्य होने के तौर पर देख रहे हैं. बता दें, संयुक्त अरब अमीरात के शासकों ने शनिवार को एक आदेश जारी कर इजराइल के बहिष्कार को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया है. दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए अमेरिका ने समझौता कराया जिसके बाद यूएई ने यह कदम उठाया है. इजराइल और यूएई के बीच संबंधों की शुरुआत की घोषणा 13 अगस्त को की गई थी. समझौते के तहत इजराइल पश्चिमी तट के विलय की विवादित योजना पर विराम लगाएगा.
क्या है नए आदेश में
सरकारी डब्ल्यूएएम संवाद समिति ने कहा कि बहिष्कार समाप्त करने की शनिवार को औपचारिक घोषणा शेख खलीफा बिन जायद अल नाहन के आदेशों पर आया जो अबु धाबी के शासक हैं और अमीरात के नेता हैं. डब्ल्यूएएम ने कहा कि नये आदेश में इजराइल और इजराइल की कंपनियों को यूएई में व्यवसाय करने की इजाजत होगी. यूएई सात अरब प्रायद्वीपों का समूह है. इसने इजराइली सामानों की खरीद-बिक्री की भी अनुमति दी. डब्ल्यूएएम ने कहा, ‘इजराइल के साथ राजनयिक एवं व्यावसायिक सहयोग बढ़ाने के यूईए के प्रयास के तहत नये कानूनों की घोषणा की गई है.’ वहीं, ट्रंप प्रशासन की अरब-इजराइल शांति को और बढ़ावा देने की कोशिशों को गति देने के उद्देश्य से पश्चिम एशिया का दौरा शुरू करने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य अरब राष्ट्र भी इजराइल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करेंगे.