25 जनवरी 2022 | एसीआइ समेत देश के तीन शासकीय अस्पतालों में ही 3डी-ईपीएस पद्धति से इलाज,14 घंटे तक चलने वाली सर्जरी महज दो घंटे में हो जाती है।
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रायपुर के डा. भीमराव आंबेडकर मेमोरियल अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआइ) को हृदय रोग के उपचार में नई उपलब्धि हासिल की है। एसीआइ में ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी माध्यम से हृदय रोग के उपचार में कुल 22 केस का राष्ट्रीय स्तर पर पांचवा स्थान मिला है।
चिकित्सकों ने बताया कि एसीआइ में ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी इलेक्ट्रो प्रक्रिया से हृदयस रोगियों के लिए इलाज के लिए 3डी-ईपीएस (ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी मैपिंग मशीन) का उपयोग किया जा रहा है। इस मशीन के माध्यम से 14 घंटे तक चलने वाली हृदय की सर्जरी महज दो घंटे में हो जाते हैं।यह ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी में मैपिंग के लिए उपयोगी अत्याधुनिक मशीन जम्मू कश्मीर, लखनऊ के बाद देश की तीसरी अत्याधुनिक मशीन एसीआइ में है। इस मशीन का उपयोग कर सामान्य हृदय गति समस्या के साथ ही उन जटिल समस्याओं का निदान भी चिकित्सकों द्वारा किया गया है, जोकि देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही संभव हो पाता है। चिकित्सकों ने बताया कि ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी इलेक्ट्रो में शरीर के कोशिकाओं व ऊतकों के साथ बिजली के संपर्क के तरीके का अध्ययन किया जाता है।
हृदय की गति तेज व धीमी होने पर उपचारहृदय के अंदर स्थित इन धमनियां आदि में जब किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, तब हृदय की धड़कन बहुत तेज है या बहुत धीमी हो जाती है। इसी समस्या के उपचार के लिए एसीआइ में सबसे पहले समस्या का पता लगाकर उसका नक्शा (मैपिंग या ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी स्टडी) बनाया जाता है। फिर जांघ की नस के रास्ते तार डालकर हृदय तक पहुंचकर समस्या का निदान किया जाता है। अस्पताल में वर्ष 2016 में ईलेक्ट्रोफिजियोलाजी की स्टडी शुरू हुई। इस सुविधा के प्रारंभ होने के बाद से अभी तक लगभग 70 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
सूची में इन संस्थानों को मिला स्थानइस सूची में में शीर्ष जम्मू-कश्मीर के तीन चिकित्सालय हैं। वहीं चौथे स्थान पर चंडीगढ़ व पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कालेजव केरल के परियारम मेडिकल कालेज को जगह मिली है।एसीआइ के कार्डियोलाजी विभाग के आंकड़े
100 से अधिक की ओपीडी हर दिन15 औसत छोटी-बड़ी हृदय रोगियों की सर्जरी10000 से अधिक सर्जरी प्रक्रिया अब तक विभाग मेंनिश्शुल्क इलाज की सुविधागर्व की बात है कि राज्य का एकमात्र एसीआइ हृदय रोगियों के इलाज में देश में पांचवे स्थान पर है। एसीआइ हृदय रोगियों को 3डी-ईपीएस पद्धति से इलाज की सुविधा देने वाला देश का तीसरा अस्पताल है। जहां प्राइवेट अस्पतालों में हृदय रोग के आधार पर इस पद्धति से इलाज के लिए डेढ़ से आठ लाख रुपये तक लगते हैं। यहां निश्शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। -प्रो. डा. स्मित श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, कार्डियोलाजी, एसीआइ
Source;-“नईदुनिया”