शिमला:-हिमाचल में दिवाली की रात 8:00 से 10:00 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज रहा है।बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि एनजीटी ने वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध और मॉडरेट व सामान्य श्रेणी में आने वाले शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे चलाने के लिए दो घंटे की छूट दी है। अति संवेदनशील शहरों के चयन के लिए नवंबर 2019 के वायु प्रदूषण के स्तर को मानक माना जाएगा।
ऐसे में हिमाचल के सभी शहरों के नवंबर 2019 के एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखा गया है। एनजीटी ने निर्देश दिया है कि नवंबर 2019 में जो शहर वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील थे, वहां पटाखे चलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। चूंकि अभी तक नॉन अटेनमेंट सिटीज में हिमाचल के पांवटा साहिब, नालागढ़, बद्दी, परवाणू, सुंदरनगर, डमटाल और कालाअंब शामिल थे। ऐसे में नवंबर 2019 के मानक में किसी भी शहर में तय से ज्यादा प्रदूषण का स्तर नहीं पाया गया है। इस वजह से समूचे हिमाचल में दिवाली के दिन दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत दी गई है।
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे केंद्रीय संस्थान सीएसआईआर एनईईआरई ने ग्रीन पटाखे विकसित किए गए थे। इनमें अलुमिनियम व पोटेशियम नाइट्रेट जैसे रसायनों की मात्रा नहीं होती है। अगर पटाखों में मात्रा हुई भी तो उसे इतना कम रखा जाता है ताकि धुआं व प्रदूषण न्यूनतम हो सके।