स्वीडन स्थित एक रिसर्च इंस्टीट्यूट का कहना है कि हथियारों के निर्यात के मामले में बीते पांच सालों में अमेरिका की वैश्विक भागीदारी 37 फ़ीसदी हो गई है.
अमेरिका, फ़्रांस और जर्मनी के वैश्विक निर्यात में बढ़ोतरी हुई है जबकि रूस और चीन के निर्यात में गिरावट आई है.
शीत युद्ध के बाद आयात और निर्यात अपने उच्चतम स्तर के क़रीब हैं. हालांकि, महामारी के प्रभाव के बाद इसमें बदलाव देखा जा सकता है.
हथियारों के आयात के मामले में मध्य पूर्व में सबसे अधिक बढ़त देखने को मिली है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) में वरिष्ठ शोधकर्ता पीटर वेज़मन कहते हैं, “यह अभी कहना बहुत जल्दबाज़ी होगा कि हथियारों के ट्रांसफ़र के मामले में बीते दो दशकों में तेज़ी से होती वृद्धि अब समाप्त हो चुकी है.”
“कोविड-19 महामारी के आर्थिक असर के कारण कुछ देश अपने हथियार आयात की स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं. हालांकि, उसी समय महामारी के दौरान सबसे ख़राब हालात में कई देशों ने हथियारों के कई बड़े सौदे किए थे.”
सिपरी का कहना है कि 2016 से 2020 के बीच बीते पांच सालों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय हथियारों की बिक्री स्थिर थी.
अमेरिका से तक़रीबन आधा (47 फ़ीसदी) निर्यात मध्य पूर्व में होता है जिसमें से सिर्फ़ सऊदी अरब में 24 फ़ीसदी अमेरिकी हथियार खरीदता है.
अमेरिका इस समय 96 देशों को हथियार सप्लाई कर रहा है और पांच सालों के दौरान उसका कुल विश्व प्रतिशत बढ़ा है.
फ़्रांस का हथियारों का निर्यात 44 फ़ीसदी है, वहीं जर्मनी का 21 फ़ीसदी तक बढ़ा है.
इसराइल और दक्षिण कोरिया दोनों ने अपने निर्यात को तेज़ी से बढ़ाया है लेकिन दोनों अभी भी हथियारों के निर्यात के मामले में बेहद छोटे देश हैं.
मध्य पूर्व में हथियारों के आयात में इज़ाफ़ा
मध्य पूर्व हथियारों का तेज़ी से फलता-फूलता बाज़ार है जिसमें 2016-20 के मुक़ाबले में बीते पांच सालों की तुलना में 25 फ़ीसदी आयात की बढ़ोतरी हुई है.
इसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी सऊदी अरब (61%), मिस्र (136%) और क़तर (361%) में हुई है.
एशिया और ओसियानिया ऐसे दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं जो सबसे अधिक हथियारों का आयात करते हैं. यहां पर पूरी दुनिया के हथियारों का कुल 42 फ़ीसदी ट्रांसफ़र होता है.
भारत, ऑस्ट्रेलिया, चीन, दक्षिण कोरिया और पाकिस्तान इस क्षेत्र के सबसे बड़े आयातक देश हैं.
रूस और चीन के व्यापार में कमी
रूस और चीन दोनों के हथियारों के निर्यात में गिरावट देखी गई है. इसके बावजूद दोनों देश सब-सहारा अफ़्रीकी देशों में बड़े सप्लायर बने हुए हैं.
रूस के हथियारों के निर्यात में 22 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और इसका संबंध भारत से है क्योंकि भारत के साथ उसके हथियार निर्यात में 53 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
सिपरी के शोधकर्ता एलेक्ज़ेडर कुईमोवा कहते हैं, “रूस ने कई देशों के साथ हाल ही में बड़े हथियार सौदे किए हैं और उसका निर्यात आने वाले सालों में बढ़ेगा. उसे कई क्षेत्रों में अमेरिका के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.”
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया सबसे अधिक चीनी हथियार ख़रीदते हैं.
BBC