• May 3, 2024 8:06 am

नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली अनाहत ने जीता पहला मैच, 14 साल की उम्र में देश के लिए मेडल जीतने को तैयार

30 जुलाई 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की ओर से कई बड़े खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें पीवी सिंधु, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और मीराबाई चानू जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। लोगों की नजर इन एथलीट्स पर तो बनी ही हुई है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के पहले दिन एक 14 साल की एथलीट ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। यह 14 साल की एथलीट कोई और नहीं बल्कि भारत की युवा स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह हैं।

अनाहत राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम से खेलने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं। शुक्रवार को महिला सिंगल्स के राउंड ऑफ 64 मैच में अनाहत ने अपनी उम्र से कई साल बड़ी सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के जेडा रॉस को लगातार तीन गेमों में हरा दिया। अनाहत ने पहला गेम 11-5 से जीता। इसके बाद दूसरे गेम में अनाहत एक बार फिर सीनियर जैडा रॉस के लिए परेशानी खड़ी कर दी।
दूसरा गेम अनाहत और भी आसानी से 11-2 से अपने नाम किया और 2-0 की बढ़त बना ली।
अनाहत के आगे जेडा रॉस टिक नहीं सकीं। तीसरा गेम अनाहत ने 11-0 से जीत लिया और जैडा को राउंड ऑफ 64 के मैच में करारी शिकस्त दी। इस जीत के बाद अनाहत इमोशन भी हुईं। बाद में वह काफी खुश भी नजर आईं। उनकी मुस्कान ने पूरे देश के चेहरे पर खुशी ला दी। इस जीत के बाद अनाहत सोशल मीडिया सेंसेशन बन गईं। अनाहत की जीत के बाद कुछ पल तस्वीरों में देखिए…
अनाहत का परिवार
13 मार्च 2008 को दिल्ली में जन्मीं अनाहत के पिता गुरशरण सिंह पेशे से वकील हैं। वहीं, मां तानी सिंह इंटीरियर डिजाइनर हैं। अनाहत की बड़ी बहन अमीरा भी स्क्वैश प्लेयर हैं। वह अंडर-19 लेवल पर भारत की शीर्ष खिलाड़ियों में रह चुकी हैं। अमीरा स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद फिलहाल हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही हैं। वह अभी हार्वर्ड महिला टीम के लिए स्क्वैश खेलती हैं। अनाहत फिलहाल दिल्ली में कक्षा नौवीं की छात्रा हैं।
अनाहत को बैडमिंटन पसंद
अनाहत को स्क्वैश से पहले बैडमिंटन पसंद था। वह पीवी सिंधु को खेलता देख बड़ी हुई हैं। छह साल की उम्र में अनाहत ने दिल्ली में पीवी सिंधु को खेलते देखा। तब सिंधु इंडिया ओपन में हिस्सा ले रही थीं। इसके बाद अनाहत ने भी बैडमिंटन में भविष्य बनाने का सोचा। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में कुछ युवा स्तर के टूर्नामेंट भी जीते। हालांकि, अपनी दीदी अमीरा के नक्शेकदम में चलते हुए उन्होंने आठ साल की उम्र से नियमित रूप से स्क्वैश खेलना शुरू कर दिया। तब से लेकर अब तक अनाहत स्क्वैश खेल रही हैं।
अनाहत ने 2019 में ब्रिटिश ओपन में स्वर्ण जीता
इसके बाद कुछ ही समय में अनाहत अंडर-11 और अंडर-13 में नंबर एक खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने 2019 में अंडर-11 लेवल पर भारत के लिए पहली बार प्रतिष्ठित ब्रिटिश ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया। इस खिताब के बाद अनाहत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसी साल अनाहत ने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। साल 2020 में उन्होंने ब्रिटिश और मलेशिया जूनियर ओपन टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था।
महिला एकल और युगल में लेंगी हिस्सा
राष्ट्रमंडल खेल 2022 में अनाहत महिला सिंगल्स के अलावा डबल्स में भी हिस्सा लेंगी। महिला डबल्स में अनाहत सुनयना कुरुविला के साथ जोड़ी बनाएंगी। जहां स्क्वैश में भारतीय दल की अगुआई अनुभवी सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल जैसे स्टार खिलाड़ी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ अनाहत ने राउंड ऑफ 32 का मैच जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। राष्ट्रमंडल खेलों के बाद अनाहत विश्व जूनियर्स चैंपियनशिप 2022 में भी नजर आएंगी। इसकी शुरुआत नौ अगस्त से होगी

Source;-“अमर उजाला”  

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