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परीक्षा में पूछा- श्राद्ध कर्म करइया ब्राम्हण ल का कहिथें समेत अन्य छत्तीसगढ़ी सवाल, उलझे परीक्षार्थी

13 फ़रवरी 2023 | छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की तरफ से अलग-अलग पदों के निकाली गई वैकेंसी के लिए रविवार को प्रारंभिक परीक्षा ली गई।जिले में बनाए गए अलग-अलग केंद्रों में 17 हजार से ज्यादा छात्रों ने परीक्षाएं दी।विशेषज्ञ राजेश बोड़े और अंकित अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल का पेपर सही था। पहला पेपर जनरल स्टडीज का सरल था, वहीं दूसरा पेपर एप्टीट्यूड वाला छात्रों को कठिन लगा। इसमें गणित ज्यादा पूछ ली गई थी।

दोनों प्रश्नपत्रों में 100-100 प्रश्न दो-दो अंक के पूछे गए। पेपर में छत्तीसगढ़ी शब्द खुसुर-फुसुर का हिंदी मतलब क्या होता है, महानदी का पौराणिक नाम क्या है, सोहर गीत, भेंट-मुलाकात, न्याय योजना, अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से संबंधित प्रश्न पूछे गए। प्रश्नपत्र में रीजनिंग वाले भाग को हल करने में छात्रों को बहुत समय लगा, जिससे कुछ छात्रों ने पूरे प्रश्न भी नहीं हल कर पाए।संविधान और बजट से जुड़े प्रश्न भी छात्रों को परेशान किया।
समसामायिक विषयों के प्रश्न भी बहुत कठिन पुछे गए, भुइयां पोर्टल में चार जुलाई 2022 तक वन अधिकार पट्टा पत्र कितने अपलोड किये गए? ऐसे प्रश्न पूछे गए, जो पटवारी को भी नहीं पता है।इसी तरह मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात में राजनांदगांव कब गए, प्रश्न पूछा गया। इस तरह के प्रश्नों को लेकर छात्रों ने नाराजगी भी जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल का पेपर पिछले सालों की तुलना में ठीक रहा। पेपर का स्तर राष्ट्रीय स्तर का रहा, जो अच्छे संकेत है।
छत्तीसगढ़ी प्रश्नों में भी परेशान हुए परीक्षार्थी
परीक्षा में पूछे गए छत्तीसगढ़ी प्रश्नों को हल करने में छात्रों को काफी परेशानी हुई। छत्तीसगढ़ी में श्राद्ध कर्म करइया ब्राम्हण ल का कहिथें? अंडा बन म बिर्रा बाघ हाना के सही अर्थ चुनौ? 127 ला छत्तीसगढ़ी म कइसे गिनबो? रानी कीरा होना छत्तीसगढ़ी मुहावरा का मतलब होथे? जैसे प्रश्न पूछे गए, जिससे परीक्षार्थियों को प्रश्न हल करने में परेशानी हुई।
जनरल स्टडीज में पूछा गया गलत प्रश्न
प्रथम पाली में हुई जनरल स्टडीज में एक प्रश्न गलत पूछ लिया गया। रतनपुर राज्य में कलचुरी शासक रघुनाथ सिंह को अपदस्थ कर रघुजी ने वहां पर कब नए प्रशासक को नियुक्त किया? का उत्तर इसमें आप्शन के तौर पर 1940, 1941, 1942 और 1945 दिया गया था, जबकि 17वीं शताब्दी लिखा जाना चाहिए थाा

सोर्स :-“नईदुनिया”     

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