• April 25, 2024 10:47 am

दिवाली से पहले 6 कंपनियों से बड़ा कॉन्ट्रैक्ट हुआ, 4 घंटे की कटौती होगी बंद

05 अक्टूबर 2022 | दीपावली के त्योहारी सीजन से पहले राजस्थान में बिजली संकट से निपटने के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RUVNL) ने लॉन्ग टर्म बिजली खरीद का कॉन्ट्रैक्ट किया है। 6 कंपनियों के 1785 मेगावाट कैपिसिटी के सोलर पावर प्लांट्स से बिजली खरीदने के लिए RUVNL ने यह बड़ा करार किया है। इन कंपनियों से केवल 2.17 रुपए और 2.18 रुपए प्रति यूनिट की सस्ती रेट पर अगले 20 साल तक बिजली खरीदी जाएगी। 7 पैसा प्रति यूनिट सेबी को ट्रेडिंग चार्ज के तौर पर अलग से दिए जाएंगे। टैरिफ रेट फाइनल करने को लेकर राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन में याचिका भी लगा दी गई है। जिसमें सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए गाइडलाइंस के मुताबिक बिडिंग का हवाला दिया गया है।

रोजाना 2.80 करोड़, महीने में 85 करोड़, सालाना 10 अरब 20 करोड़ रुपए की बिजली खरीद होगी

राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RVUNL) के चीफ इंजीनियर मुकेश बंसल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया 1 मेगावाट पावर से 1 घंटे में 1000 यूनिट और 24 घंटे में 24 हजार यूनिट बिजली मिलती है। लेकिन सोलर पावर प्लांट सूरज उगने (सूर्योदय) और सूरज छिपने (सूर्यास्त) तक ही बिजली पैदा कर सकता है। इसलिए इसकी कैल्कुलेशन 30 प्रतिशत बिजली सप्लाई मिलने के आधार पर की जाती है। इसलिए 6 बिजली कंपनियों से RUVNL को करीब 540 मेगावाट बिजली ही प्रतिघंटा मिल पाएगी। 24 घंटे में औसत लगभग 1 करोड़ 30 लाख यूनिट बिजली खरीद होगी। इस आधार पर रोजाना करीब 2 करोड़ 80 लाख रुपए, महीनेभर में 85 करोड़ और सालभर में 10 अरब 20 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जाएगी। SEBI में ट्रेडिंग चार्ज के 9 लाख 10 हजार रुपए रोजाना अलग से देने होंगे।

कंपनी का नाम मेगावाट क्षमता रेट प्रति यूनिट
कैल्पाइन सब्सिको सोलर एनर्जी 90 2.17
NTPC रिन्यूएबल एनर्जी 500 2.17
स्प्रिंग नेचुरल पावर सोर्स 200 2.17
मेटका इंजीनियरिंग सिंगापुर होल्डिंग 20 2.17
रिन्यू सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड 600 2.18
ACME सोलर होल्डिंग्स 375 2.18
कुल कंपनियां-6 कुल मेगावाट- 1785

दिवाली मेंटेनेंस के नाम पर रोजाना 4 घंटे बिजली कटौती होगी बंद

सोलर बिजली मिलना शुरू होते ही प्रदेश में दिवाली मेंटेनेंस के नाम पर रोजाना 4-4 घंटे की कटौती बंद हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कटौती का बड़ा कारण बिजली की कमी होना भी है। हालांकि मेंटेनेंस का बहाना बनाकर पिछले 18 दिनों से रोजाना पावर कट किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 25-30 फीडर्स को रोस्टर के आधार पर चलाकर लोड शेडिंग कर बिजली कटौती की जा रही है। राहत मिलने पर वह कटौती भी बंद होगी। डिस्कॉम सूत्रों के मुताबिक दिवाली से दो दिन पहले से इंडस्ट्रीयल लोड कम हो जाएगा। करीब 4000 मेगावाट बिजली की खपत घट जाएगी। जिससे प्रदेश की तीनों बिजली डिस्कॉम कंपनियों- JVVNL, AVVNL, JDVVNL को बड़ी राहत मिलेगी। 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली में काफी सुधार होगा। बिजली कटौती बंद हो जाएगी। बिजली सरप्लस भी हो सकती है।

अगले 6 महीने तक नहीं होगी बिजली की कमी

दिवाली के बाद सर्दियों का सीजन भी आ रहा है। सर्दियों में बिजली की डिमांड काफी घट जाती है। इंडस्ट्रीयल लोड के साथ ही घरेलू , कॉमर्शियल और एग्रीकल्चर सेक्टर में बिजली की खपत घट जाती है। ऐसे में प्रदेश में मार्च तक बिजली की कमी नहीं होगी। प्रदेश में 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। सभी को बिजली कटौती से राहत मिलेगी।

सामान्य उपभोक्ताओं को 7-8 रुपए प्रति यूनिट ही मिलेगी बिजली

बिजली कंपनियों को सोलर एनर्जी सस्ती जरूर मिलेगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट रेट में किसी तरह की छूट मिलेगी। सस्ती रिन्यूएबल एनर्जी की खरीद के बावजूद सामान्य बिजली उपभोक्ताओं को 7 रुपए से 8 रुपए प्रति यूनिट की रेट पर ही बिजली मिलेगी। सस्ती बिजली से बिजली कंपनियों को जरूर कुछ फायदा होगा।

सर्दियों के सीजन के बाद क्या होंगे हालात ?

RUVNL की असेसमेंट रिपोर्ट में प्रदेश में बिजली की पीक आवर्स में डिमांड 17757 मेगावाट तक पहुंचने और उपलब्ध कैपेसिटी 12847 रहने का अनुमान है। इस आधार पर 4910 मेगावाट बिजली की कमी पड़ेगी। सर्दियों का सीजन तो निकल जाएगा। लेकिन राजस्थान को छत्तीसगढ़ में अलॉट पारसा ईस्ट और कांता बासन की एक्सटेंशन माइंस और सरगुजा कोल माइंस से कोयला सप्लाई नहीं हुई और बिजली प्रोडक्शन के हालात नहीं सुधरे, तो प्रदेश के लोगों को अप्रैल से फिर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि गर्मियां आते ही बिजली खपत बढ़ जाएगी। 4300 मेगावाट तक बिजली कम पड़ सकती है।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                        

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