• April 28, 2024 9:49 pm

भाजपा-जदयू ने कहा न नीति न नीयत, राजद ने कहा- बिहार की राजनीति में खेत खाली नहीं जोतेंगे कहां?

06 मई 2022 | प्रशांत किशोर ने फिलहाल पार्टी बनाने की संभावना से इंकार किया है लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां समझ रही हैं कि प्रशांत का टारगेट क्या है। उन्होंने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की 30 वर्षों की सरकार को भी कोसा। उन्होंने कहा कि इन दोनों के समय में शिक्षा और स्वास्थ्य चौपट हो गई है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बिहार अभी भी पिछड़ा हुआ है। इसी बहाने उन्होंने भाजपा को भी कटघरे में कड़ा किया। नीतीश कुमार के सात निश्चय की समीक्षा करने की मांग भी उन्होंने की। कांग्रेस में वे वैसा महत्वपूर्ण पद चाहते थे जिससे पूरी ताकत के साथ संचालन किया जा सके। भाजपा भास्कर ने बिहार की अन्य खास राजनीतिक पार्टियों से प्रशांत किशोर की रणनीति से जुड़े सवाल किए।

पीके बिहार में एक्सपेरिमेंट करने आए हैं- मृत्युंजय तिवारी. राजद

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि बिहार में तेजस्वी यादव के नाम का शोर है और जनता इसी पर जोर लगा रही है। तेजस्वी यादव पढ़ाई, कमाई, दवाई, सुनवाई, कार्रवाई की बात कर रहे हैं। इसी में है सब की भलाई। कहा कि सारे लोग बिहार में आकर ही एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। हम प्रशांत किशोर को नोटिस ही नहीं लेते। खेत खाली रहेगा तभी न वे उसे जोतेंगे। तेजस्वी के पक्ष में जनता का अपार समर्थन है। इसलिए बिहार में सिर्फ तेजस्वी मॉडल चलेगा।

न लक्ष्य, न नीति और न ही एजेंडा है कि कहां जाना है- नीरज कुमार. जदयू

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर को अपना पुराना बयान याद करना चाहिए जिसमें नीतीश कुमार के साथ रहते हुए उनसे जुड़े नारा से लेकर विचार तक का पेटेंट वही लिए हुए थे! सात निश्चय को तो उन्होंने विजन डोक्यूमेंट कहा था। जनता से फीड बैक लेने के बाद ही सात निश्चय की शुरुआत की गई थी। नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर के पास वैकल्पिक कार्यक्रम है ही नहीं। न उनके पास लक्ष्य है, न नीति, न एजेंडा कि कहां जाना है? हद यह कि उन्हें दोस्त-दुश्मन की पहचान भी नहीं है।

काग्रेस उनकी राय मानने को बाध्य नहीं – राजेश राठौर. कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं कि प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के 30 साल के शासन पर सवाल उठाया है। उन पर कैसे विश्वास किया जाए जिन्होंने 2015 के चुनाव में कहा था बिहार में बिहार में महागठबंधन ही विकल्प है। नारा दिया था- बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है। रही बात कांग्रेस की तो कांग्रेस को वे राय देने गए थे। कांग्रेस उनकी राय मानने को बाध्य नहीं है। वे प्रोफेशनल हैं और बिहार से उनका लगाव भी प्रोफेशनल वाला ही है। एक बेहतर प्रोफेशनल होने और एक बेहतर नेता होने में आसमान जमीन की फर्क है।

पीके के पास न नीति है और न नीयत है- प्रेमरंजन पटेल, भाजपा

भाजपा के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल कहते हैं कि एक लंबे कालखंड के बाद एनडीए की सरकार में विकास का रास्ता बिहार में खुला। मैं मानता हूं कि विकास अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन जो भी विकास हुआ है वह कम नहीं है। बिहार की जो स्थिति थी उस स्थिति से उबारना बड़ी चुनौती थी। बिहार की जनता ने भी माना कि बिहार में विकास हुआ है। इसे एनडीए की सरकार ही आगे बढ़ा सकती है दूसरा कोई नहीं। प्रशांत किशोर के पास न नीति है और न ही नीयत है। जहां भी उन्होंने सफलता हासिल की है नेतृत्व के आभा मंडल से हासिल की है। चाहे वे नरेन्द्र मोदी हों या नीतीश कुमार। नेरन्द्र मोदी ग्रास रुट के आदमी हैं। लंबे समय तक काम किया है संगठन के साथ। उनकी जाति सबसे बड़ी जाति हिंदू जाति है। उनकी तुलना पीके कहां से करेंगे? भाजपा की आइडियोलॉजी कई पार्टियों ने अपनाई पर वह हमारे साथ रहकर ही सफल हुईं। बलराज मधोक कैसे लोग किनारे हो गए थे उदाहरण है।

Source;- ‘’दैनिक भास्कर’

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