7 दिसंबर 2023 ! जब किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन अचानक तेज हो जाती है या कम होने लगती है तो ये स्थिति खतरनाक होती है. ऐसे में मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टर उसकी सर्जरी करके पेसमेकर लगाते हैं. हार्ट के फंक्शन और दिल की धड़कन को नॉर्मल रखने के लिए यह लगाया जाता है. पेसमेकर एक ऐसा उपकरण है जो हार्ट बीट को कंट्रोल में रखा जाता है. पेसमेकर हार्ट की नसों से संपर्क करके इलेक्ट्रोड से करंट पैदा करता है और हार्ट बीट को सामान्य रखता है. दुनियाभर में ऐसी लोगों की संख्या काफी अधिक है जो पेसमेकर के सहारे जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट के पास लगे पेसमेकर से भी कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं. आइए इस बारे में हम आपको डिटेल में बताते हैं.
जिस व्यक्ति के शरीर में पेसमेकर लगता है डॉक्टर उसको किसी बिजली वाली मशीन के आसपास न जाने की सलाह देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में लोग इस बात का पालन नहीं कर पाते हैं, जिससे कुछ परेशानी होने लगती है. कुछ मामलों में पेसमेकर की वजह से हार्ट संबंधी परेशानी भी हो सकती है. ऐसे में जिन लोगों को पेसमेकर लगा होता है उनको नियमित रूप से कार्डियोलॉजिस्ट से जांच कराते रहना चाहिए.
दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और कार्डियक पेसिंग विभाग की डायरेक्टर डॉ. अपर्णा जसवाल बताती हैं कि पेसमेकर में भी कुछ खराबी आ सकती है, हालांकि ऐसे मामले कम आते हैं, लेकिन फिर भी कुछ केसज में यह देखने को मिलता है. अगर पेसमेकर में कोई संक्रमण हो जाता है तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं. इनमें ये समस्या ज्यादा होती है.
राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ अजित जैन बताते हैं कि पेसमेकर कई तरह के होते हैं. इनमें एक होता है सीसा रहित पेसमेकर, दूसरा होता है सिंगल-चेंबर पेसमेकर और तीसरा बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर होता है. ये पेसमेकर एरिथमिया की बीमारी में लगाए जाते हैं. सर्जरी करके एक मरीज को एक ही पेसमेकर लगता है.
सर्जरी के बाद डॉक्टर बताते हैं क्या दवाएं खानी है और किन चीजों से परहेज करना है, जो लोग डॉक्टर की सलाह के हिसाब से चलते हैं उनके पेसमेकर में किसी तरह की परेशानी आने की आशंका कम रहती है.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “