• May 21, 2024 4:58 pm

देश में गणेशोत्सव की धूम, जानिए गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

31 अगस्त 2022 | भगवान गणेश को दूर्वा बहुत ही प्रिय होती है। दूर्वा एक घास होती है जो हर जगह आसानी के साथ मिल जाती है। इसे दूब भी कहा जाता है। दरअसल भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करने के पीछे एक कथा है। अनलासुर राक्षस से सभी देवी-देवता परेशान हो गए थे। तब भगवान गणेश ने सभी देवी-देवताओं और मुनियों की रक्षा के लिए इस अनलासुर को निगल लिया था। राक्षस को निगल लेने की वजह से उनके पेट में बहुत ही जलन होने लगी। तब उनकी जलन को शांत करने के लिए मुनि कश्यप ने उन्हें खाने के लिए दू्र्वा की गांठे दी। दूर्वा खाते ही फौरन भगवान गणेश के पेट की जलन समाप्त हो गई। तभी से भगवान गणपति की पूजा में दूर्वा चढ़ाई जाती है।

अब बस थोड़ी ही देर बाद भगवान गणेश की स्थापना और पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहू्र्त आने वाला है। इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति की स्थापना,पूजा और पाएं भगवान सिद्धिदाता से सुख-समृद्धि

गणेश स्थापना शुभ मुहू्र्त
पहला मुहूर्त: प्रात: 6:05 से 9:27 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: प्रातः 10:30 से दोपहर 2:00 बजे तक
तृतीय मुहूर्त: दोपहर 3:30 से सायं 5 बजे तक
चतुर्थ मुहूर्त: सायं 6:00 से सेन 7:00 बजे तक
मध्याह्न काल मुहूर्त: प्रातः 11:20 से दोपहर 1:20 तक

अच्छा मुहूर्त- सुबह 11.20 से दोपहर 1.20 तक

सभी देवी-देवताओं में गणेशजी को बहुत अधिक कुशाग्र बुद्धि वाला माना गया है। गजाननजी की लम्बी सूंड महाबुद्धित्व का प्रतीक है लम्बी सूंड तीव्र सूंधने की क्षमता होती है। जिसका अर्थ है कि जो समझदार व्यक्ति है वह अपने आसपास के माहौल को पहले से ही सूंघ सकता है। गणेश जी की सूंड हमेशा हिलती-डुलती रहती है, जिसका तात्पर्य है कि मनुष्य को हमेशा सचेत रहना चाहिए।

आज गणेशोत्सव पर कैसे करें गणपति उपासना

आज देशभर में गणेशोत्सव की धूम है। भगवान गणेश के भक्त अपने घरों और सार्वजनिक जगहों पर गणेशजी की भव्य प्रतिमाएं स्थापित करके विधि-विधान से पूजा कर रहै हैं। गणेशोत्सव का पर्व 9 सितंबर तक चलेगा। ऐसे आने वाले 10 दिनों में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हुए भगवान गणपति से जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

सोर्स :-“अमर उजाला”                                                                 

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