जून 24 2022 मध्यप्रदेश में 7 दिन की लगातार बारिश के बाद अब तेवर नरम पड़ने लगे हैं। इससे उमस परेशान करने लगी है। मानसून के पहले ब्रेक होने के कारण गुरुवार को इक्का-दुक्का इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मध्यप्रदेश में बादलों के बीच सूरज की लुका-छिपी चलती रही। अगले 3 दिन तक गर्मी बढ़ने से उमस परेशान करेगी। मौसम विभाग के अनुसार 26 से नया सिस्टम बनने के आसार हैं।
ऐसे में 27 जून से मौसम में बदलाव हो सकता है। मौसम विभाग अच्छी बारिश की उम्मीद जता रहा है। इसके बाद ही लगातार बारिश होने की संभावना है। अभी कुछ इलाकों में बारिश सिर्फ बंगाल और अरब सागर से नमी आने के कारण लोकल सिस्टम बनने से बारिश हो रही है। शुक्रवार-शनिवार को भोपाल में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है, जबकि इंदौर में आसपास मौसम साफ रहेगा।
आगे क्या 26 तक बारिश नहीं
मौसम विभाग की मानें, तो भोपाल में 25 जून तक बादल छाने से हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार रायसेन, विदिशा, धार, इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, देवास, अगर मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योरपुर कलां, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, निवाड़ी और बैतूल में 26 जून तक बारिश के आसार नहीं है।
बंगाल की तरफ से आएगी बारिश
26 को नया सिस्टम बनने के बाद 27 जून से मध्यप्रदेश में फिर से बारिश शुरू हो सकती है। यह बंगाल की तरफ से आएगी। ऐसे में महाकौशल और बुंदेलखंड के रास्ते सबसे पहले बारिश शुरू होगी। उसके बाद भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में बादल बरस सकते हैं।
बीती रात यहां जमकर बरसे बदरा
इंदौर में पहली बार 2 इंच बारिश। खंडवा में 1.5 इंच खरगोन पचमढ़ी में एक-एक इंच बारिश हुई। नर्मदा पुरम सागर में आधा आधा इंच रायसेन मलाजखंड उमरिया रीवा धार रतलाम भोपाल नरसिंहपुर छिंदवाड़ा जबलपुर और सिवनी में भी बारिश हुई।
आकाशीय बिजली गिरने से 7 बच्चे झुलसे
रीवा के मऊगंज व हनुमना थाना क्षेत्र में करीब शाम 5 बजे सभी बच्चे खेत के पास मैदान में खेल रहे थे। इस दौरान बारिश के साथ अचानक आकाशीय बिजली गिर गई। वहीं चपेट में आने से 7 बच्चे बुरी तरह से झुलस गए। सभी बच्चों को इलाज के लिए तत्काल सिविल अस्पताल ले गए और भर्ती कराया। बताया जा रहा है की सभी घायल बच्चों में से कुछ बच्चों का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया जबकि अस्पताल में भर्ती अन्य गंभीर बच्चों का इलाज अभी किया जा रहा है।
source”दैनिक भास्कर”