• June 28, 2024 4:37 pm

प्रदेश में विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में प्राध्यापकों की नियुक्ति और पदोन्नति के नियम बदले

15 नवंबर 2022 |  हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्राध्यापकों की नियुक्ति और पदोन्नति के नियम बदल दिए हैं। अब एमफिल और पीएचडी होने पर मिलने वाले सात इंक्रीमेंट नहीं दिए जाएंगे। हर पद पर पदोन्नति से पहले अब साक्षात्कार होगा। कॉलेजों के वही प्राध्यापक विश्वविद्यालयों में सीधे प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनके पास विद्यार्थियों के मार्गदर्शन का अनुभव होगा।

उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में 11 नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी है। इसके विरोध में सोमवार को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्राध्यापक उतर आए। उन्होंने यूजीसी अधिनियम-2018 के आधार पर नए सिरे से अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया है। विश्वविद्यालयों में सीधे प्रोफेसर लगने के लिए कॉलेजों में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने का अनुभव भी इससे पहले जरूरी नहीं था। अब असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता रहेगी।

यूजीसी ने प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल करने का प्रावधान किया है लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे 58 वर्ष ही रखा है। 58 के बाद 65 वर्ष तक सेवानिवृत्त प्राध्यापकों, प्रिंसिपल या प्रोफेसर को पुनर्नियुक्ति दी जाएगी। प्राध्यापक इसके विरोध में हैं, चूंकि अभी सात प्रिंसिपल को पिक एवं चूज के आधार पर पुनर्नियुक्ति दी हुई है। इससे पदोन्नति की आस लगाए बैठे प्राध्यापकों में रोष है।

अधिसूचना नियमों के विपरीत, यह मंजूर नहीं
हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों एवं अन्य शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए संशोधित न्यूनतम योग्यता एवं उच्च शिक्षा मानकों की ताजा अधिसूचना को नियमों के विपरीत बताया है।

संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने कहा है कि सातवां वेतन आयोग लागू होते ही यूजीसी की सिफारिशों को धता बताते हुए हरियाणा सरकार ने महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी व एमफिल के लिए दी जाने वाली वेतन वृद्धियां वापस ले ली थीं। शिक्षकों के विरोध पर अधिकारियों ने कहा था कि उच्च शिक्षा में मानकों को बनाए रखने के बारे में जब अधिसूचना होगी तो इन्हें बहाल करने का आश्वासन दिया था। संघ की महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान ने कहा कि ताजा अधिसूचना शिक्षकों की सेवाओं व प्रमोशन से जुड़ी प्रक्रिया को प्रतिकूल बना रही है।

सोर्स :-“अमर उजाला ”                          

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