रिकॉर्डेड फ्यूचर का दावा है कि हैकिंग समूह द्वारा TAG-38 नाम का शैडोपैड नामक एक मालवेयर सॉफ़्टवेयर उपयोग में लाया गया, जिसका इस्तेमाल पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने किया था।
भारत चीन में बॉर्डर विवाद के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी सरकार की तरफ से प्रायोजित हैकर्स ने लद्दाख के पास पावर ग्रिड पर सायबर अटैक कर निशाना बनाया है। बता दें कि यह दावा ख़ुफ़िया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया है। Recorded Future का कहना है कि साइबर जासूसी अभियान के तहत चीनी हैकर्स ने ऐसा किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके जरिए भारत के कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को निशाना बनाया गया था। ये केंद्र लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा के पास स्थित क्षेत्रों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली के संचार के लिए रियल टाइमिंग का संचालन करते हैं। इसमें से एक लोड डिस्पैच सेंटर को पहले दूसरे हैकर ग्रुप RedEcho ने भी टारगेट बनाया था।
रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में दावा किया गया है, “चीनी राज्य से जुड़े इन हैकर्स समूहों द्वारा भारतीय पावर ग्रिड संपत्तियों को लंबे समय तक निशाना बनाने से सीमित आर्थिक जासूसी या पारंपरिक खुफिया जानकारी जुटाने के मौके मिलते हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक इसका मकसद भविष्य में होने वाली गतिविधियों से जुड़ी जानकारी एकत्र कर पूर्व स्थिति को मजबूत करना है।