• May 17, 2024 10:09 pm

लगातार बढ़ती ब्याज दरें बढ़ाएगा कनाडा की मुसीबत, लोन बनेगा जस्टिन ट्रूडो के जी का जंजाल

अक्टूबर 9 2023 ! कनाडा की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए कैनेडियन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. भारत से विवाद के बाद अब जस्टिन ट्रुडो के सामने उनकी आम जनता से जुड़ा मामला उनके लिए मुसीबत बनता जा रहा है. कनाडा में लगातार बढ़ती ब्याज दरें जस्टिन ट्रुडो के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं. आशंका है कि आने वाले समय में उनकी मुसीबतें लोन के चलते बढ़ सकती हैं. जिससे लोगों के होम लोन महंगे हो सकते हैं. जाहिर है कि जब होम लोन महंगे होंगे तो लोगों के खर्च करने की क्षमता भी घटेगी इससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. आइए जानते हैं लोन जस्टिन ट्रुडो के जी का जंजाल कैसे बनेगा…

दरअसल, कनाडा में लोग होम लोन 5 साल तक फिक्स्ड रेट पर ले सकते हैं, फिर उसे 5 साल बाद नई दरों पर रिन्यू कराते हैं. अब कनाडा की मुसीबत और जस्टिन ट्रुडो के सामने चैलेंज ये है कि अगले कुछ महीनो में हजारों होम लोन रीन्यू होने वाले हैं. वहीं, 5 साल पहले और अभी की ब्याज दरों में काफी फर्क है. अभी ब्याज दरें आसमान छू रही हैं. रॉयटर्स के मुताबिक, इस बार जिनके होम लोन रिन्यू होने हैं उन्होंने 5 साल पहले 2 फीसदी के फिक्स्ड रेट पर लोन लिया था. वहीं, मौजूदा समय में ये दर 7 फीसदी तक पहुंच सकती है. ऐसे में होम लोन रिन्युअल कराने वालों की जेब पर बोझ बढ़ सकता है. कनाडा के ब्रोकर्स के मुताबिक इस बार बड़ी संख्या में होम लोन की EMI कुछ सौ डॉलर बढ़ने जा रही है.

एक अनुमान के मुताबिक करीब 75000 होम बायर्स को लोन रीन्यू करने के नोटिस भेजे जाएंगे. जिसके बाद अगले साल तक कुल 146 अरब डॉलर के होम लोन को रीन्यू किया जाना है. ये रकम 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, इससे प्रॉपर्टी मार्केट में दबाव और लोन डिफॉल्ट के मामलों मे बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही आने वाले समय में ब्याज दरों में और इजाफा होने के संकेत हैं और फ़िलहाल अगल साल तक कोई नरमी नहीं दिखाई दे रही है. अब ऐसे में अगर लोन डिफॉल्ट नहीं होते तो हाई EMI की वजह से लोगों के खर्चों पर तगड़ा असर दिखेगा जिससे इकोनॉमी पर भी असर पड़ेगा.

कनाडाई पीएम की पार्टी इस समय देश में अल्पमत में है. ऐसे में आम जनता की जेब पर बोझ पड़ना जस्टिन ट्रुडो के जी का जंजाल बन सकता है. लोगों के घटते खर्चे और इकोनॉमी में डिमांड घटने से ट्रूडो की मुसीबतें बढ़ेंगी. अगर आम जनता की मुश्किलें बढ़ती है तो इससे ट्रुडो की पॉपुलैरिटी भी गिर सकती है. ऐसे में ट्रूडो को अपनी गठबंधन की सरकार भी बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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