21 अप्रैल 2023 | बिहार में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा अहम फैसला लिया गया है. राज्य के हर जिले में एक यानी कुल 44 साइबर पुलिस थाने खोले जाने का फैसला लिया गया है. इन थानों के बेहतर संचालन के लिए 44 डीएसपी समेत 660 पदों पर नियुक्ति होगी. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में प्रशासी पदवर्ग समिति की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई.
फैसले के मुताबिक एक थाने में कुल 15 पद यानी एक डीएसपी, चार पुलिस निरीक्षक, तीन पुलिस अवर निरीक्षक, एक प्रोग्रामर, दो सिपाही, तीन डाटा सहायक और एक चालक सिपाही के पद तय किए गए हैं. राज्य में अभी साइबर थानों की व्यवस्था नहीं है, इसकी अपराध इकाई के अधीन सभी जिलों में 74 साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया यूनिट की स्थापना की गई है, बता जिलों में तीन से चार वहीं छोटे जिलो में एक या दो सीसीएसएमयू कार्यरत है. सूत्रों की मानें तो इन्हें ही साइबर थानों के रूप में बदला जाएगा
साइबर क्राइम की घटनाओं में 300 फीसदी की वृद्धि
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2018 में बिहार में साइबर फ्रॉड के महज 375 केस दर्ज हुए थे और अब बिहार के हर जिले में साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हो रहे हैं. साल 2021 में साइबर फॉड के 1413 केस दर्ज हुए हैं, तीन साल के आंकड़ों को देखें तो बिहार में साइबर क्राइम की घटनाओं में 300 फीसदी की वृद्धि हुई है. अकेले जनवरी में मई 2022 तक पांच महीने में ही बिहार में 8003 केस सामने आये हैं इसमें अकेले पटना में ही साइबर क्राइम के 1632 केस थी.
कब लिया गया था फैसला?
बीते 17 अप्रैल को प्रशासी पदवर्ग समिति की बैठक हुई थी. जिसकी कार्यवाही में इस फैसले की जानकारी दी गई थी. राज्य में साइबर क्राइम और सोशल मीडिया यूनिट की 74 में से 44 को ही साइबर पुलिस के रूप में बदला जाएगा.
सोर्स :-“ABP न्यूज़“