22 नवंबर 2023 ! अपनी रंग मिज़ाजी के लिए मशहूर पाकिस्तान का तानाशाह अक्सर शराब के नशे में होश खो बैठता था. भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी फौज के सरेंडर यानि आत्मसमर्पण से ठीक एक दिन पहले शाम के वक्त ये तानाशाह पार्टी कर रहा था. हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के फौजी तानाशाह जनरल याहया खान की, लड़ाई में पाकिस्तानी फौज भारत के आगे घुटने टेकने वाली थी, उससे कुछ घंटे पहले याहया खान के नए घर में पार्टी चल रही थी.
जब 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली लड़ाके आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और पश्चिमी बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था. ये लड़ाई निर्णायक मोड़ तक आ चुकी थी. पाकिस्तानी फौज के आत्मसमर्पण से ठीक एक दिन पहले की शाम को पेशावर में याहया खान पार्टी कर रहे थे. उन्होंने अपना एक नया घर बनवाया था और उसकी ‘हाउस वार्मिंग पार्टी में अपने खास लोगों को बुलाया था.
ये पार्टी जैसे-जैसे परवान चढ़ी, शराब के नशे में लोग अपने कपड़े उतारने लगे. देखते ही देखते पार्टी में मौजूद तकरीबन तमाम मर्द-औरतों ने अपने कपड़े उतार दिए. और ऐसे में याहया खान ने अपनी एक महिला दोस्त से उसी हालत में घर छोड़ने की ज़िद करने लगे. हालांकि, किसी तरह उनके सैनिक सचिव ने समझाया कि कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें.
पाकिस्तान के फौजी तानाशाह और राष्ट्रपति ‘आग़ा मुहम्मद याहया ख़ान क़िज़िलबश’ के पिता अफगानिस्तान के थे, जो ब्रिटिश हुकूमत के दौरान माइग्रेट होकर पाकिस्तान आए थे. याहया की पैदाइश क़िज़िलबाश पठानों के परिवार में हुई थी. उनके पिता सादत अली खान बंटवारे से पहले पंजाब पुलिस में हवलदार की नौकरी किया करते थे.
याहया खान फौज के बड़े अफसर बने तो पाकिस्तान के पहले तानाशाह अयूब खान उन्हें खूब आगे बढ़ाया. हालांकि, बाद में याहया खान ने अयूब खान का ही तख्तापलट करके सत्ता पर कब्जा कर लिया. याहया खान को इसलिए भी याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने पूरे देश में ‘मार्शल लॉ’ लगवा दिया था.
जनरल याहया खान की हुक्मरानी में ही पाकिस्तान में 1970 के चुनाव हुए थे, इन चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान (यानि मौजूदा बांग्लादेश) में शेख मुजीब उर रहमान ने बड़ी जीत हासिल की थी. लेकिन चुनावी नतीजों के बावजूद तानाशाह याहया खान ने उन्हें गद्दी नहीं सौंपी, और जेल में डाल दिया. शेख मुजीब उर रहमान की गिरफ्तारी की वजह से पूर्वी पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए और मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि भारत-पाकिस्तान की जंग हुई और आख़िरकार पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश नाम का एक नया देश वजूद में आया.
पाकिस्तानी हुक्मरानों पर कई रिसर्च कर चुके और भारत के कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव रहे तिलक देवेशर ने अपनी किताब ‘पाकिस्तान एट द हेल्म’ में इसके बारे में लिखा है. तिलक लिखते हैं कि “याहया खान फारसी भाषा बोलने वाले पठान थे, और पंजाबी भी बहुत अच्छी बोलते थे. उनकी हाज़िर जवाबी और सेंस ऑफ ह्यूमर भी लाजवाब था. लेकिन उनमें कई ऐब भी थे. शराब पीने का भी उन्हें बहुत शौक था. उनमें किसी शराबी आदमी की बुराइयां मौजूद थीं.”
आम तौर पर याहया खान रोज शाम को आठ बजे शराब पीना शुरू कर देते थे, और 10 बजे तक उनके होशो-हवास बेकाबू हो जाते थे. शराब की वजह से वो इतने ज़्यादा बदनाम थे कि फौज के कमांडरों को ये निर्देश दिया गया था, कि वो याहया खान के ऐसे किसी भी मौखिक आदेश का पालन न करें, जो रात को 10 बजे के बाद दिया गया हो.
ये आदेश पाकिस्तान के उस वक़्त के ‘चीफ ऑफ द स्टाफ’ जनरल अब्दुल हमीद खान ने सभी राज्यों के तमाम सीनियर अधिकारियों को खुद दिया था. इसके साथ ही ये हिदायत भी दी थी कि अगर ऐसा कोई आदेश आता भी है तो उसका पालन तभी किया जाए जब अगले दिन वो उसकी पुष्टि राष्ट्रपति के ऑफिस से हो.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “