चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल के 17वें सीज़न की शुरुआत जीत से की है. उन्होंने 8 गेंदें बाकी रहते छह विकेट से आरसीबी के ख़िलाफ़ मैच को फ़तह किया. उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि घरेलू मैदान के वह किंग हैं और उनसे पार पाना किसी के लिए आसान नहीं होगा.
चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत के हीरो पेस गेंदबाज़ मुस्तफ़िज़ुर रहमान रहे. इसके अलावा बल्लेबाज़ी में शिवम दुबे और रविंद्र जडेजा का फिनिशर की भूमिका निभाने के साथ-साथ रचिन रविंद्र और अजिंक्य रहाणे ने भी जीत में अहम योगदान किया.
इस साल कमेंटेटर के तौर पर जुड़े नवजोत सिंह सिद्धू के हिसाब से चेन्नई ने आरसीबी को गेंदबाज़ी, फ़ील्डिंग और बल्लेबाज़ी सभी क्षेत्रों में पीछे छोड़ दिया. आरसीबी का स्पिन आक्रमण कमज़ोर साबित हुआ और कर्ण शर्मा के एक ओवर में दो छक्के लगने से मैच आरसीबी के हाथों से निकल गया.
अंबाती रायडू ने जीत के बाद कहा कि सीएसके की यह पहली टीम है, जिसकी फील्डिंग भी अच्छी है. यह बात शायद उन्होंने मुस्तफ़िज़ुर की गेंद पर डुप्लेसी के बाउंड्री लाइन पर रहाणे ने जिस तरह से गिरते हुए गेंद पकड़कर रविंद्र की तरफ उछालकर आउट किया, यह भी मैच का टर्निंग प्वाइंट था.
मुस्तफ़िज़ुर हैं सही मायने में जीत के हीरो?
इस गेंदबाज़ के आक्रमण पर आने से पहले आरसीबी खेल पर हावी थी और फाफ डुप्लेसी ताबड़तोड़ अंदाज़ में रन बना रह थे. पर कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ का पांचवें ओवर में मुस्तफ़िज़ुर को अटैक पर लाना फ़ायदेमंद साबित हुआ और इसने मैच का रुख पलट दिया.
उन्होंने आते ही फाफ डुप्लेसी और फिर रजत पाटीदार के विकेट निकालकर तगड़े झटके दे दिए. उन्होंने अगले ओवर में विराट कोहली और केमरून ग्रीन के विकेट निकालकर आरसीबी की कमर तोड़ दी.
मुस्तफ़िजुर ने दूसरे ओवर तक छह रन देकर चार विकेट निकाले थे. पर उनका गेंदबाज़ी का आंकड़ा 4-0-29-4 रहा. उन्होंने यहां गेंदबाजी में वेरिएशन का अच्छा इस्तेमाल करने के साथ शॉर्ट गेंदों का भी अच्छा इस्तेमाल किया.
ऋतुराज ने भी अपनी कप्तानी की छाप छोड़ी. उन्होंने अच्छी फील्डिंग सजाने के साथ गेंदबाज़ी में चतुराई भरे बदलाव किए. धोनी ने उन्हें महत्वपूर्ण मौकों पर ही सलाह दी वरना वो खुद फैसले कर रहे थे.
शिवम और जडेजा ने निभाई फिनिशर की भूमिका
रहाणे और रचिन ने अच्छी बल्लेबाज़ी से जीत का माहौल बनाया और इस माहौल को शिवम दुबे ने जीत तक पहुंचाकर ही दम लिया.
शिवम दुबे को शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई. यह कहा जाता है कि भाग्य भी हिम्मत दिखाने वाले का साथ देता है. इरफान पठान कहते हैं कि कंधे से ऊपर आती गेंदों को खेलने में उन्हें दिक्कत होती है. उन्हें इस कमज़ोरी पर काम करने की ज़रूरत है. लेकिन एक बार जम जाने के बाद उन्होंने 28 गेंदों में 34 नाबाद रनों की पारी खेली.
दूसरी तरफ रविंद्र जडेजा सदाबहार खिलाड़ी हैं. वह हमेशा की तरह ही जमकर खेले और 17 गेंदों में 25 रन बनाए. इस जोड़ी ने 66 रनों की अटूट साझेदारी बनाकर टीम को जीत तक पहुंचा दिया.
रहाणे और रचिन हैं टीम के लिए महत्वपूर्ण
रचिन रविंद्र को पिछले आईसीसी विश्व कप में 578 रन बनाने के लिए जाना जाता है. वह अपनी आईपीएल की पहली परीक्षा में किसी हद तक सफल साबित हुए.
उन्होंने स्पिन को दिलेरी के साथ खेला. उन्हें आमतौर पर इस छोटे प्रारूप का खिलाड़ी माना जाता है. पर बेहतर तकनीक वाले इस खिलाड़ी ने दिखाया कि वह किसी भी स्थिति में खेलने की क्षमता रखते हैं.
उन्होंने 15 गेंदों में 246 की स्ट्राइक रेट से 37 रन बनाकर दिखाया कि वह धमाल मचाने की कुव्वत रखते हैं. उन्होंने यह रन बनाने में तीन छक्के और तीन चौके लगाए. कर्ण शर्मा ने उन्हें बड़ा शॉट खेलने के लिए ललचाया और कैच करा दिया.
यहां तक बात अजिंक्य रहाणे की है तो उन्हें धोनी ने आईपीएल के सांचे में ऐसा ढाला है कि उनका खेल देखते ही बनता है. वह रणजी ट्रॉफी में खराब फॉर्म के साथ आए थे. पर यहां अलग अंदाज़ में दिखे. उनको खेलते देखकर लगता है कि मानो वह इसी प्रारूप के लिए बने हैं.
अनुज और कार्तिक के प्रयासों पर फिरा पानी
आरसीबी के पहले पांच विकेट जल्दी निकल जाने पर टीम ढहती नज़र आ रही थी. लेकिन अनुज रावत और दिनेश कार्तिक की जोड़ी टीम को संकट से उबारने वाली साबित हुई.
इन दोनों ने छठे विकेट की साझेदारी में 57 गेंदों में 95 रन बनाकर स्कोर को छह विकेट पर 173 रन तक पहुंचाकर लड़ने लायक स्थिति में पहुंचा दिया.
अनुज रावत के आने से पहले आरसीबी ने 29 गेंदों को बिना चौके के खेला था पर उन्होंने अपनी पहली छह गेंदों में दो चौके लगाकर चेन्नई के पक्ष में मच रहे हल्ले को शांत किया और फिर आखिर तक यह जोड़ी अपने पक्ष में माहौल बनाए रही.
इस जोड़ी ने तुषार देशपांडे के फेंके 18वें ओवर में तीन छक्कों और एक चौके से 25 रन ठोककर जता दिया कि उनके इरादे क्या हैं.
इस साझेदारी के दौरान अनुज ने मुस्तफ़िज़ुर के एक बाउंसर पर हुक करके चौका लगाने पर सिद्धू ने कहा कि बाउंसर तो अच्छा डाला पर शेर को अनुज के रूप में सवा शेर मिल गया.
‘गुरु’ ने बांधा समां
नवजोत सिंह सिद्धू के इस बार कमेंट्री से जुड़ने के कारण माहौल ही बदल गया. कमेंट्री में ऐसी-ऐसी उपमाएं सुनने को मिलीं, जिनकी कल्पना तक नहीं की जाती है. पारी की शुरुआत में जब आरसीबी के कप्तान आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तब सिद्धू ने खराब गेंदबाज़ी के बारे में कहा कि ‘हर बार सूरज ही जले ज़रूरी है क्या. कभी-कभी जुगुनू भी रास्ता दिखा देते हैं.’
तेज़ी से रन बनने पर उन्होंने कहा कि स्कोर इस समय टैक्सी मीटर की तरह तेज़ी से दौड़ रहा है. यह बात पहले तीन ओवरों में 33 रन बन जाने पर कही.
मुस्तफ़िज़ुर के शानदार गेंदबाज़ी करने पर उन्होंने कहा कि अनुभव कभी मॉल में नहीं मिलता है. उनके प्रदर्शन के लिए उन्होंने एक शेर कहा कि रंग लाती है हिना पत्थर पर पिस जाने के बाद. वहीं उनके चार विकेट निकालने पर सिद्धू ने कहा कि कभी धूप, कभी छांव वाली स्थिति है.
अनुज रावत और दिनेश कार्तिक ने जब अच्छी बल्लेबाज़ी करके वापसी का प्रयास किया और कुछ चौके लगाकर गेंदबाजों पर दबाव बनाया, तो सिद्धू का कहना था कि एक पत्थर चोट खाकर कंकड़ -कंकड़ हो गया और एक पत्थर चोट खाकर शंकर-शंकर हो गया.
मैक्सवेल को उतारने का समय रहा ग़लत
फाफ डुप्लेसी के आक्रामक अंदाज़ में शुरुआत ने चेन्नई सुपरकिंग्स पर बनाया दबाव मुस्तफ़िज़ुर ने पहले ही ओवर में दो विकेट निकालकर दबाव सामने वाली टीम पर ला दिया. इसमें आरसीबी के कप्तान के एक गलत फैसले ने भी अहम भूमिका निभाई.
असल में 41 रन के स्कोर पर फाफ डुप्लेसी और रजत पाटीदार के आउट हो जाने पर ग्लेन मैक्सवेल को उतारना ग़लत फैसला था.
अंबाती रायडू ने कहा कि मैक्सवेल की जगह ऋद्धिमन साहा को उतारना चाहिए था. इस समय ऐसे बल्लेबाज़ की ज़रूरत थी, जो एक-दो रन लेकर साझेदारी को बनाने वाला होता. मैक्सवेल के आउट होते ही टीम पर दबाव बन जाना था. उनके आउट होने पर हुआ भी ऐसा ही.
मैक्सवेल का विकेट दीपक चाहर के निकालने के बाद मुस्तफ़िज़ुर ने अपने दूसरे ओवर में विराट कोहली और साहा के विकेट निकालकर स्कोर पांच विकेट पर 78 रन करके खेल पर पूरी तरह से नियंत्रण बना लिया.
सिद्धू मैक्सवेल को दो विकेट गिरने पर उतारने को पहले ही गलत फैसला बता चुके थे. उनका कहना था कि मैक्सवेल को ऐसे दबाव के समय नहीं उतारना चाहिए था. वह बाद में आकर स्थिति संभाल सकते थे.
सीएसके और आरसीबी का एक यह रिश्ता भी
वैसे तो सीएसके और आरसीबी का टकराव जगज़ाहिर है. पर आरसीबी की पारी की शुरुआत करने विराट कोहली उतरे तो विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी थे.
विराट और धोनी मैच शुरू होने से पहले आपस में गले मिले और फिर धोनी विराट के कंधे पर हाथ रखकर उनसे बतियाते नज़र आए.
महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की जोड़ी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते समय काफी मशहूर रही है. विराट के कप्तानी के शुरुआती दिनों में धोनी उनके प्रमुख सलाहकार हुआ करते थे.
वह फील्डिंग सजाते अक्सर नज़र आते थे और कई बार गेंदबाज़ी में बदलाव की सलाह भी दिया करते थे.