• May 2, 2024 9:55 am

सीता स्वयंवर में बरसे फूल तो राम वन गमन में आंखें नम; भाई राम से मिलने भरत पहुंचे वन

01 अक्टूबर 2022 | लक्ष्मणपुरी में रामलीला के मंचन से समूचा माहौल राममय होता नजर आ रहा है। राजधानी के विभिन्न हिस्सों में पहले से चल रही रामलीलाओं के साथ ही शुक्रवार से शुरू हुई पर्वतीय समाज की रामलीलाओं ने प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम दिखा उनके बताये मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया। कहीं सीता स्वयंवर में फूल बरसे तो कहीं राम के वन जाने पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं।

ऐशबाग में भरत–राम मिलन
ऐशबाग रामलीला ग्राउण्ड में पांचवें दिन कुटिया निर्माण लीला‚ सीता स्वप्न दर्शन‚ भरत का वन प्रस्थान‚ निषाद राज भरत संवाद‚ भरत–राम मिलन‚ भरत का चरणपादुका लेकर वापस जाना‚ कैकई भरत संवाद एवं कैकई विलाप लीला हुई। मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय शामिल हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी को राम के चरित्र का अनुकरण करना चाहिए।

महानगर में जन्मे प्रभु राम
पर्वतीय रामलीलाओं की कड़़ी में महानगर में शुक्रवार से पीयूष पाण्डेय के निर्देशन में रामलीला शुरू हुई। पहले दिन राम जन्म‚ ताड़का–सुबाहु वध‚ अहिल्या उद्धार‚ गौरी पूजन‚ धनुष यज्ञ‚ लक्ष्मण–परशुराम संवाद का मंचन हुआ।

पंतनगर में हुआ धनुष यज्ञ
पन्तनगर में रामलीला राम जनमोत्सव के साथ शुरू हुई। उसके बाद विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिए श्री राम की याचना‚ वन मार्ग में ताड़का–सुबाहु वध‚ मिथिलापुर मार्ग में अहिल्याउद्धार‚ लक्ष्मण द्वारा नगर दर्शन का आग्रह‚ पुष्प वाटिका में गौरी पूजन‚ धनुष भंग की लीला खेली गई।

खदरा में सूर्पणखा अंग–भंग
खदरा के रूपपुर की रामलीला में शुक्रवार को चित्रकूट निवास‚ भरत मिलन‚ पंचवटी निवास‚ सूर्पणखा अंग–भंग के साथ ही सीताहरण की लीला का मनोहारी मंचन हुआ।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                        

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