पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका स्वास्थ्य और भी ज्यादा खराब हो गया था। फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक शॉक लगा था। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर फैल गई है।
84 वर्षीय मुखर्जी का इलाज सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में चल रहा था। वह वेंटिलेटर पर गहरे कोमा में थे। मुखर्जी का इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही थी। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था। मुखर्जी के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी। मुखर्जी 2012 से 2017 के बीच 13वें राष्ट्रपति थे।
मुखर्जी को गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज सुबह जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया कि वह गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’