जयपुर: अशोक गहलोत मंत्रिमंडल व मंत्री परिषद की बैठक मंगलवार रात यहां हुई जिसमें राज्य में 223 करोड़ रुपये के निवेश की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी तथा कई अन्य फैसले किए गए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में ये बैठकें मंगलवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हुई. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को हटाए जाने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी. बैठक के बाद जारी एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिससे राज्य में 223 करोड़ रूपए का निवेश होगा.
इसके अनुसार बैठक में गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड को बूंदी जिले के उलेरा गांव में पशु फीड विनिर्माण इकाई लगाने के लिए विशेष सुविधा पैकेज प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस परियोजना में दो चरणों में करीब 132
करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा.
इसी तरह इमामी एग्रोटेक लिमिटेड को जयपुर जिले के चंद्रमूल गांव में सरसों की तेल मिल व रिफाइनरी के साथ साल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट स्थापित करने के लिए विशेष सुविधा पैकेज दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.
इस परियोजना में करीब 91 करोड़ रूपए का निवेश होगा और प्रतिदिन 140 टन सरसों के तेल का उत्पादन हो सकेगा.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से तो विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से हटा दिया. पार्टी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “पायलट और कुछ मंत्री साथी दिग्भ्रमित होकर भाजपा के षडयंत्र के जाल में उलझकर कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए.”
इस पर पहली प्रतिक्रिया में पायलट ने पहले दोपहर बाद ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.” इसके बाद शाम को उन्होंने एक और ट्वीट कर उनके समर्थन में आए लोगों का आभार जताया. अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में लिखा, “राम राम सा!” सचिन पायलट ने अपने ट्विटर पर समर्थकों को धन्यवाद कहा है. पायलट ने ट्वीट कर लिखा, “आज मेरे समर्थन में जो भी सामने आए हैं, उन सभी को मेरा हार्दिक धन्यवाद और आभार. राम राम सा!”
वहीं पायलट के समर्थन में मुखर रहे विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने कहा, “मैं तो एक सवाल पूछना चाहता हूं कि हम लोगों ने कहां पार्टी विरोधी या पार्टी के खिलाफ या पार्टी के अहित में कोई बयान दिया.”
इससे पहले राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटाए जाने को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा कुछ नेताओं ने उम्मीद जताई कि अब भी मामले को सुलझा लिया जाएगा. पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने राजस्थान के इस राजनीतिक घटनाक्रम को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘दुखद’ करार दिया.
गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ी कार्रवाई की. पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया.