गांधीनगर. गुजरात सरकार ने राज्य के और 10 लाख से अधिक परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत रियायती दरों पर अनाज देने का निर्णय किया है. आज शाम जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस निर्णय के तहत इन परिवारों को प्रतिमाह दो रुपए किलो गेहूं तथा तीन रुपए किलो चावल सहित प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों- पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राहक भंडार से वितरित करने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान स्थिति में राज्य की कुल आबादी के 50 फीसदी यानी सवा तीन करोड़ से अधिक लोगों को एनएफएसए के अंतर्गत प्रतिमाह रियायती दर पर अनाज वितरित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी दिव्यांग व्यक्तियों, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने वाले बुजुर्गों को इस योजना के अंतर्गत आवरित करने के आदेश दिए हैं. नगरों, शहरों और गांवों में रहने वाले रिक्शा, लोडिंग रिक्शा और मिनी टैंपो जैसे तिपहिया वाहन चलाकर रोज कमाने और खाने वाले वाहन चालकों को भी राहत दर पर अनाज का लाभ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पेंशन प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दर पर अनाज मुहैया कराने का भी निर्णय किया है.
अनाज प्राप्त करने की आयु सीमा भी बुजुर्गों के लिए 65 के बजाय 60 वर्ष करने का दृष्टिकोण अपनाया है. इस योजना का लाभ राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं व वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को भी प्रदान किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने राज्य के ऐसे जरूरतमंद गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल परिवारों को भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ देने का निर्देश दिया है जो एएफएसए योजना में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा, गुजरात निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भी एनएफएसए योजना में शामिल करने का निर्णय उन्होंने किया है.