• April 20, 2024 1:21 am

हरियाणा में विश्वविद्यालयों से छिना भर्ती का अधिकार, नौकरियों में खत्म होगा भ्रष्टाचार, जानें अब कैसे होगी भर्तियां

09  नवम्बर 2021 | हरियाणा सरकार ने राज्‍य में भर्तियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्‍य सरकार ने विश्‍वविद्यालयोंं से भर्ती का अधिकार छीन लिया है। इससे विश्‍वविद्यालयों में होनेवाली भर्तियोंं में भ्रष्‍टाचार समाप्‍त हाेगा। अब विश्‍वविद्यालयोंं में नियुक्तियां हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्‍यम से होंंगी।

ग्रुप ए और बी के तमाम पदों पर भर्तियां हरियाणा लोक सेवा आयोग के हवाले

दरअसल में सरकारी नौकरियाें की भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगा चुकी प्रदेश सरकार ने अब बोर्ड-निगमों, सरकारी कंपनियों, स्वायत्त संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के रास्ते बंद करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सभी सरकारी विश्वविद्यालयों से शैक्षिक और गैर शैक्षिक पदों पर भर्ती का अधिकार छीन लिया गया है। भविष्य में ग्रुप ए और बी के तमाम पदों पर भर्तियां हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के जरिये की जाएंगी।

ग्रुप सी और डी के पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को

इसी तरह ग्रुप सी और डी के पदों पर भर्तियां हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) करेगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। अभी तक सरकारी विश्वविद्यालयों में तमाम भर्तियां विश्वविद्यालय प्रबंधन करता रहा है। इन नियुक्तियों में अनियमितताओं की ढेरों शिकायतें मिलती रही हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भर्तियों की कमान एचपीएससी और एचएसएससी को देने का फैसला लिया गया है। इसके लिए विश्वविद्यालयों के सेवा नियमों में संशोधन किया जाएगा।

नई व्यवस्था में ग्रुप-बी के पदों पर भर्ती के लिए विश्वविद्यालय एचपीएससी को मांग पत्र भेजेंगे। एचपीएससी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची विश्वविद्यालय को भेजेगा। इसी तरह ग्रुप सी और डी के पदों के लिए विश्वविद्यालय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को मांग पत्र भेजेंगे। एचएसएससी लिखित परीक्षा के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने तमाम कुलपतियों को नई व्यवस्था अपनाने के लिए 15 दिनों के भीतर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

विश्‍वविद्यालयों में रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए उच्चस्तरीय कमेटी

इसके साथ ही विश्‍वविद्यायालयों में रजिस्‍ट्रार की नियुक्ति के मामले में खोज सह चयन समिति का गठन किया जाएगा। कुलपति इसके अध्यक्ष होंगे,जबकि एचपीएससी द्वारा नामित एक विशेषज्ञ, राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा इसके नामित सदस्य होंगे। नामित एक विशेषज्ञ, प्रदेश सरकार द्वारा नामित एक विशेषज्ञ तथा कार्यकारी परिषद द्वारा नामित एक विशेषज्ञ

खोज-सह-चयन समिति तीन नामों के पैनल की सिफारिश करेगी। इनमें से किसी एक नाम को फाइनल कर प्रदेश सरकार उसके चयन के लिए राज्यपाल को सिफारिश करेगी। इसी तरह अन्य शिक्षणेत्तर अधिकारियों अर्थात वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए यह कमेटी प्रदेश सरकार के जरिये दो नामों के पैनल की सिफारिश करेगी। राज्यपाल इनमें से किसी एक व्यक्ति की नियुक्ति करेंगे।

एचपीएससी लेगा सहायक प्रोफेसर की परीक्षा, चयन समिति इंटरव्यू

सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती के मामले में एचपीएससी लिखित परीक्षा लेगा। इसके बाद मेरिट में आने वाले उम्मीदवारों की सूची विश्वविद्यालयों को भेजी जाएगी। फिर कुलपति की अध्यक्षता वाली चयन समिति साक्षात्कार के जरिये पात्र उम्मीदवारों का नाम सुझाएगी। चयन समिति में वाइस चांसलर के अलावा दो अकादमिक विशेषज्ञाें की नियुक्ति एचपीएससी द्वारा की जाएगी।

एक अकादमिक विशेषज्ञ हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद और एक विशेषज्ञ कुलाधिपति द्वारा मनोनीत किया जाएगा। अंतिम चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के संयुक्त अंकों के आधार पर होगा। चयन समिति कुलपति को चयन के लिए दो नाम सुझाएगी। वहीं, अगर सहायक प्रोफेसर की भर्ती सीधे साक्षात्कार से की जानी है तो राज्य उच्च शिक्षा परिषद मापदंड निर्धारित करेगी।

साक्षात्कार के 12 फीसद अंक और अकादमिक व शोध के 88 फीसद अंक होंगे। कुलपति की अगुवाई वाली चयन समिति में एचपीएससी द्वारा नामित दो एकेडमिक एक्सपर्ट, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा नामित एक विशेषज्ञ और कुलाधिपति द्वारा नामित एक विशेषज्ञ शामिल होंगे। चयन समिति मेरिट के आधार पर चयन के लिए दो नाम कुलपति को देगी। इनमें से किसी एक का चयन किया जाएगा।

Source :- “जागरण”

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