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हसदेव के जंगल कटने से बहुत बुरा असर पड़ेगा- संतकुमार

ByADMIN

May 31, 2022 ## Santkumar, ##Hasdev's

 

31 मई 2022 | हसदेव के जंगल कटने से पर्यावरण से लेकर मानव समाज में बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसकी कल्पना भी कर पाना संभव नहीं है। इसलिए समय रहते जंगल को कटने से बचाने के लिए सभी को सामने आना चाहिए। राज्य व केंद्र सरकार निजी फायदा के लिए पेड़-पौंधों की बली चढ़ने में आमदा है। उक्त बातें आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष संतकुमार नेताम ने कही। कोन्हर गार्डन में हसदेव बचाओ आंदोलन पिछले सत्रह दिनों से चल रहा है। आंदोन का समर्थन देने के लिए आदिवासी परिषद के अध्यक्ष संतकुमार नेताम पहुंचे। उन्होंने कहा कि हसदेव के जंगलों में जो कायेले के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पेड़ों की कटाई करवाने के नियत से काम कर रही है। इससे छत्तीसगढ़ के पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। साथ ही आदिवासियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

स्थानीय संस्कृति नष्ट हो जाएगी। नेताम ने कहा कि केंद्र सरकार से कोल ब्लाक का आबंटन तत्काल निरस्त करें और राज्य सरकार से वन अनुमति वापस लेने की मांग की गई है। समाजसेवी नीतू मिश्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हसदेव के जंगल को बचाने के लिए संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि हर हालत में पेड़ों की कटाई को रोकने का प्रयास किया जाएगा। यदि सरकार जोर जबरदस्ती करती है तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतनी पड़ेगी। अब जनता शांत बैठने वाली नहीं है। पर्यावरण और अपनी को सुरक्षित रखने के लिए किसी का परवाह नहीं करेंगी। जंगल कटने से सबसे ज्यादा बिलासपुर के शांत शहर को असर पड़ेगा। यहां पेयजल की आपूर्ति हसदेव नदी से होती आ रही है। इसलिए जंगल को कटने से बचाना बहुत जरूरी हो गया है।

धरना स्थल पर प्रमुख नंद कश्यप, निलोत्पल शुक्ल, प्रकाश सोंथलिया, अविजीत आहूजा, असीम तिवारी, डाक्टर सुनीता वर्मा, वैशाली कोन्हेर, राकेश खरे, राजेश खरे, सतराम जेठमलानी, प्रदीप नारंग, चंद्रप्रदीप बाजपेई, किरणपाल सिंह चावला समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

Source;-“नईदुनिया”     

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