• May 10, 2024 1:29 am

20 साल बाद एमपी-राजस्थान के लिए ऐतिहासिक फैसला, पार्वती-कालीसिंध से इन जिलों को मिलेगा पानी

29जनवरी 2024
भोपाल.
 मध्य प्रदेश के ड्राय बेल्ट वाले जिलों में अब पानी पहुंचेगा. इसके लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के संशोधित त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए हैं. ये हस्ताक्षर दिल्ली में श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में हुए. कार्यालय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मौजूद थे.

उनकी मौजूदगी में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय सचिव देबाश्री मुखर्जी, मध्य प्रदेश के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ. राजेश राजौरा और राजस्थान के जल संसाधन अपर मुख्य सचिव अभय कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में करीब दो दशकों से लंबित पार्बती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी. इस परियोजना से चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को फायदा होगा. प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी.

उद्योंगों-पर्यटन को फायदा
इसके साथ-साथ औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा. बता दें, प्रदेश के मालवा और चंबल अंचल में लगभग तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा. इन अंचलों के धार्मिक और पर्यटन केंद्र भी विकसित होंगे. सीएम मोहन ने कहा कि यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी मध्य प्रदेश के लिए एक वरदान है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह परियोजना 5 वर्ष से कम समय में पूरी होगी. इसकी वर्तमान लागत करीब 75000 करोड़ रुपये है. प्रदेश की करीब 1.5 करोड़ आबादी इस परियोजना से लाभान्वित होगी. यह परियोजना प्रदेश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जैसी समस्याओं का समाधान कर प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार

एमी-राजस्थान के रिश्ते प्रगाढ़ होंगे- सीएम शर्मा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश के चंबल बेसिन के जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद होगी. इससे दोनों राज्यों के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को फायदा मिलेगा और भविष्य में दोनों राज्यों के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे. त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन में इस लिंक परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में कुल 5.60 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान करने के साथ-साथ पूर्वी राजस्थान के 13 जिले और मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिये पानी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है.

दोनों राज्यों को फायदा होगा- केंद्रीय मंत्री शेखावत
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज का दिन मध्य प्रदेश और राजस्थान के पानी की कमी वाले 26 जिलों के लिए स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है. परियोजना से लगभग 5.60 लाख हैकटेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही बांधों और बड़े तालाबों में पानी का संचय कर जल-स्तर उठाने में सफलता प्राप्त होगी. पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से एकीकृत कर इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देते हुए अत्यंत कम समय में मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति बनी. इसके लिए दोनों सरकारें बधाई की पात्र हैं. यह परियोजना संघीय संघवाद का स्वर्णिम उदाहरण है.

स्रोत:- ” :-“न्यूज़ 18  ”   

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