• May 6, 2024 12:09 am

अमित शाह ने कैसे कराया कांग्रेस का कांग्रेसियों से मुकाबला और बीजेपी ने बना डाला जीत का रिकॉर्ड

09  दिसंबर 2022 |  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने त्रिकोणीय मुकाबले में ऐसा चक्रव्यूह रचा, जिससे कांग्रेस और आप दोनों धाराशाई हो गई. टिकट बंटवारे से लेकर सीटों की मोर्चाबंदी करने तक में काफी प्रयोग किया गया. रिकॉर्ड जीत की कैसे बिछाई गई बिसात,

38 विधायकों के टिकट काटे
अगस्त 2021 में मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट बदलने के बाद नवंबर में जब टिकट की घोषणा हुई, तो भाजपा ने 38 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए. इनमें पूर्व सीएम विजय रुपाणी और पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल का भी नाम शामिल था.

टिकट कटने के बाद पार्टी के भीतर जब बगावत के सुर बुलंद हुए तो अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाला. शाह ने टिकट कटने को पारंपरिक फैसला बताकर सही ठहराया. सूत्रों के मुताबिक पार्टी सर्वे में जिन विधायकों के खिलाफ गुस्सा था, उनके टिकट काटे गए. इसके अलावा कुछ सीनियर नेताओं के टिकट भी काटे गए.

टिकट काटने का प्रयोग मोरबी से लेकर राजकोट तक सफल रहा. अधिकांश सीटों पर नए उम्मीदवारों की जीत हुई है. मोरबी में बीजेपी उम्मीदवार ने 60 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है.

युवा और पॉपुलर चेहरे को मैदान में उतारा
दर्शिता सिंह, हार्दिक पटेल, रीवावा जडेजा और अल्पेश ठाकुर. ये वो पॉपुलर चेहरे हैं, जिसे बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा गया था. शाह-पाटिल की ये स्ट्रैटजी भी काम आई और सभी पॉपुलर चेहरे चुनाव जीत गए हैं.

बाहर से आए 16 नेताओं को टिकट
गुजरात चुनाव में बीजेपी ने दलबदलुओं को भी टिकट देने में परहेज नहीं किया. कांग्रेस और दूसरी पार्टी से आए 16 नेताओं को टिकट दिया गया, जिसमें अधिकांश नेता चुनाव जीत गए हैं. इनमें हार्दिक पटेल और कुवंर जी बावलिया प्रमुख हैं.

बूथ मैनेजमेंट की श्रीकमलं से सीधी मॉनिटरिंग
बीजेपी ने गुजरात में बूथ मैनेजमेंट के लिए पेज कमेटी और पेज अध्यक्ष जैसे पद बनाए थे. पेज कमेटी को लोगों की बात सुनकर हाईकमान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसकी मॉनिटरिंग सीधे अहमदाबाद स्थित पार्टी ऑफिस श्रीकमलं से की जा रही थी.

मोदी-शाह के गृह सीट पर संघ को कमान
पीएम मोदी के गृह विधानसभा सीट उंझा और अमित शाह के गृह विधानसभा सीट मानसा की कमान संघ को सौंपी गई थी. पिछले चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. इस बार दोनों सीट पर RSS बैकग्राउंड के उम्मीदवार को उतारा गया. उंझा सीट पर मोहन भागवत के करीबी किरीट पटेल को टिकट दिया गया, जबकि मानसा सीट से जयंती पटेल को मैदान में उतारा गया. दोनों सीटों पर भाजपा का प्रयोग सफल रहा.

सोर्स :-“ABP न्यूज़  

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