नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) अगले महीने जून में यूजीसी नेट परीक्षा (UGC NET Exam) कराने जा रही है. नेट परीक्षा पास करने के बाद आप किसी डिग्री कॉलेज या विश्वविद्यालय में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो सकते हैं. इसके अलावा नेट एग्जाम पास करने के दूसरे भी कई फायदे हैं, जिनके बारे में हम यहां बताने जा रहे हैं.
खुल जाते हैं महारत्न कंपनियों के दरवाजेeducation
मौजूदा दौर में देश में 13 महारत्न कंपनियां हैं. देश में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. इन कंपनियों की साख देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक में होती है. ये कंपनियां नेट स्कोर के आधार पर मार्केटिंग, सेल्स, एचआर, विषय विशेषज्ञ आदि क्षेत्रों में योग्य अभ्यर्थियों का चयन करती हैं. इनमें काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी, बोनस, पेंशन, फंड आदि दूसरी सरकारी संस्थानों से कहीं बेहतर होते हैं.
इन कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल), नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआई), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) आदि शामिल हैं.
बिना नेट दिए अब पीएचडी नहीं
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने साफ किया है कि अब पीएचडी के लिए नेट एग्जाम देना अनिवार्य होगा. आपके नेट स्कोर के आधार पर ही पीएचडी में एडमिशन मिलेगा. हालांकि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है लेकिन यह अनिवार्यता केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए खत्म की गई है, अगर आप बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कई वर्ष का अनुभव रखते हैं और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत होना चाहते हैं तो आपको पीएचडी करनी होगी.
निजी कंपनियों और कोचिंग में मौके
किसी विषय में नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को विषय विशेषज्ञ के तौर पर पहचान मिलती है. ऐसे में उनके लिए तमाम निजी कंपनियों के दरवाजे तो खुल ही जाते हैं कोचिंग संस्थानों में नेट के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए भी ऐसे अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाती है. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों में सिविल सेवा की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स को संबंधित विषय की तैयारी कराने वाले योग्य अभ्यर्थियों की मांग भी रहती है.
जेआरएफ
नेट परीक्षा पास करने के बाद आप असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पात्र हो जाते हैं. ऐसे में आप किसी सरकारी या निजी विश्वविद्यालय या कॉलेज में नियुक्त हो सकते हैं. वहीं नेट परीक्षा में बेहतर स्कोर करने वाले 10 फीसद अभ्यर्थियों को जूनियर रिसर्च फैलोशिप यानी जेआरएफ मिलता है. इसके तहत उन्हें दो साल तक हर महीने 37 हजार रुपये बतौर स्टाइपेंड दिए जाते हैं. सीनियर रिसर्च फैलोशिप तक पहुंचने पर यह स्टाइपेंड बढ़कर 42 हजार रुपये महीने हो जाता है.
कौन कर सकता है अप्लाई?
आवेदन करने वाले उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री या समकक्ष होना चाहिए. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 50% अंक हैं. जबकि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 55% नंबर होने चाहिए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जगन्नाथ विश्वविद्यालय, बहादुरगढ़ के वाइस चांसलर प्रो. प्रसाद राव पी.वी.वी. ने नेट की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी कि छात्र करिकुलम को फॉलो करें. करिकुलम में बताई गईं सभी बातों का खासा ध्यान रखें. किसी भी तरह का शॉर्टकट लेने से बचें.
source abp news