• May 18, 2024 1:41 pm

अगले माह तीन और राफेल मिलेंगे भारत को

By

Dec 29, 2020
2022 में ऐसी होगी Indian Air Force-36 Rafale Fighter Jets की इन जगहों पर होगी तैनाती
  • इन विमानों को सीधे फ्रांस से गुजरात के जामनगर एयरबेस पर लाया जाएगा
  • रास्ते में भारतीय और फ्रांसीसी टैंकर तीनों जेट्स को हवा में ही ईंधन देंगे

सुनीत निगम

लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायु सेना को नए साल की शुरुआत में फ्रांस से तीसरे बैच में तीन और फाइटर जेट राफेल मिलने वाले हैं। तीन विमानों का यह बैच आने के बाद ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों में जुटी वायुसेना के पास 11 राफेल हो जाएंगे।

भारत सरकार ने फ्रांसीसी कम्पनी दा दसाल्ट से सितम्बर, 2016 में दो स्क्वाड्रन के बराबर यानी 36 राफेल विमानों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। इनमें तीन और राफेल जेट अगले महीने भारत पहुंचेंगे। अभी तारीख फाइनल नहीं हुई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन विमानों को सीधे फ्रांस से गुजरात के जामनगर एयरबेस पर लाया जाएगा। रास्ते में भारतीय और फ्रांसीसी टैंकरों से तीनों फाइटर जेट को हवा में ही ईंधन दिया जाएगा।

फ्रांसीसी कम्पनी से पांच राफेल जेट का पहला जत्था 29 जुलाई को अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद अंबाला एयरबेस पहुंचा था। भारतीय वायुसेना ने औपचारिक रूप से इन फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में 10 सितम्बर को शामिल किया था। इसके बाद तीन राफेल फाइटर जेट्स का दूसरा बैच नवम्बर की शुरुआत में फ्रांस से सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा था। भारत ने इन फाइटर जेट्स को ऑपरेशनल करके चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर तैनात किया है।

पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों के बीच राफेल फाइटर जेट की मिसाइल स्कैल्प को पहाड़ी इलाकों में अटैक करने के लिहाज से अपग्रेड किया जा रहा है। इसका सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए निर्माता कंपनी एमबीडीए को वापस भेजा गया है ताकि इस सबसोनिक हथियार के जरिये समुद्र तल से 4,000 मीटर की ऊंचाई तक निशाना लगाया जा सके। हवा से सतह पर मार करने वाली 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 450 किलोग्राम के वारहेड ले जाने वाली यह मिसाइल राफेल का हिस्सा है।

चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच लद्दाख में उन्नत जेट को तेजी से तैनात करने से भारतीय वायुसेना की क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। भारतीय वायुसेना चीन के साथ लगी पूर्वी लद्दाख की सीमा पर किसी भी उकसावे से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर है। वायुसेना को हर दो महीने में तीन से चार जेट्स फ्रांस से मिलेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति साल के अंत तक होने और इनके वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। राफेल जेट्स की पहली स्क्वाड्रन अम्बाला एयरबेस में बनाई गई है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए पश्चिम बंगाल के हासीमारा में होगी।

भारतीय वायुसेना ने जून, 1997 में रूसी फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई को अपने बेड़े में शामिल किया था। इसके 23 साल बाद राफेल लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना अपने बेड़े में शामिल कर रही है। जुड़वां इंजन वाले राफेल जेट जमीनी और समुद्री हमले, वायु रक्षा और हवाई श्रेष्ठता, टोही और परमाणु हमले की रोकथाम करने के अलावा कई तरह के मिशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं। यह जेट्स लगभग 10 टन हथियार ले जा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *