04 मार्च 2023 | ओमान में भारतीय पनडुब्बी की मौजूदगी चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, भारतीय नौसेना की कलवारी क्लास पनडुब्बी आईएनएस वेला ओमान के सलालाह बंदरगाह पर मौजूद है. जानकारी के मुताबिक़, 28 फरवरी को भारतीय पनडुब्बी ने सलालाह बंदरगाह में प्रवेश किया था. इससे पहले भारतीय पनडुब्बी इंडोनेशिया के बंदरगाह पर मौजूद थी.
गौरतलब है कि मित्र देशों के साथ बेहतर सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने युद्धपोतों को सक्रिय रूप से तैनात करती है. इसको लेकर गुरुवार को एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सभी समुद्री पड़ोसियों के साथ निकटता से जुड़ी हुई है. इसी कड़ी में भारतीय नौसैनिक पोत और पनडुब्बियां मित्र देशों के बंदरगाहों पर नियमित रूप से ठहरती रहती हैं.
ओमान के सलालाह बंदरगाह पर मौजूद भारतीय पनडुब्बी से चीन और पाकिस्तान के माथे पर शिकन जरूर आया होगा. हालांकि भारत और ओमान के बीच संबंध कोई नया नहीं है. हालांकि ये जरूर कहा जा सकता है कि मोदी सरकार के आने के बाद ओमान के साथ भारत की नजदीकियां कुछ ज्यादा ही बढ़ी हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि आईएनएस वेला की सलालाह यात्रा भारत और ओमान के बीच मजबूत, गहरे, बहुस्तरीय और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को दर्शाती है. दोनों देशों की नौसेनाएं नियमित रूप से द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘नसीम अल बह्र’ (सी ब्रीज) आयोजित करती हैं. इससे पहले भारतीय नौसेना की पारंपरिक पनडुब्बी INS सिंधुकेसरी पहली बार जकार्ता, इंडोनेशिया के डॉकयार्ड पर रुकी थी.
भारत ने पनडुब्बी को क्यों तैनात किया?
भारत ने मित्र देशों के साथ अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग का लगातार विस्तार किया है, जिनमें से कई दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ विवादों में लगे हुए हैं. हाल के वर्षों में, भारत ने कई देशों के साथ रसद सहायता समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि घर से दूर तैनात होने के दौरान सैन्य संपत्ति की पहुंच और निर्वाह को बढ़ाया जा सके.
बता दें कि दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग ओमान के तट से होकर गुजरता है. फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी से हर दिन सैकड़ों की संख्या में तेल टैंकर आते जाते हैं. ऐसे में ओमान में भारतीय नौसेना की मौजूदगी चीन और पाकिस्तान के लिए चिंता की बात हो सकती है. पाकिस्तान और चीन इस बात से वाकिफ हैं कि भारत के संबंध ओमान के साथ हमेशा से बेहतर रहे हैं जिसका लाभ भी भारत को मिलता रहेगा.
सोर्स :-“ABP न्यूज़“