27 सितम्बर 2022 | पिछले दिनों हुई बारिश से नुकसान के कारण खेतों में फसल बिछी तो बागवानों का भी काफी नुकसान हुआ। इसलिए सरकार ने बागवानों को भी सुरक्षा का कवच देने का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत 15 सिंतबर से हो चुकी है। रोहतक DC यशपाल ने बताया कि बागवानी फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना क्रियान्वित की है। इस योजना के तहत वर्किंग भी शुरू हो गई है।
योजना में यह बागवानी फसलें शामिल
- योजना में 14 सब्जियों को शामिल किया गया है, जिनमें टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी और मूली हैं।
- 5 फलों को भी योजना में रखा गया है, जिनमें आम, किन्नू, बेर, अमरूद और लीची शामिल हैं।
- योजना में 2 मसाले हल्दी और लहसुन शामिल हैं।
बीमा राशि 30 से 40 हजार रुपए प्रति एकड़, प्रीमियम 750 से 1000 रुपए
फसल, सब्जियां व मसाले के लिए बीमा राशि 30 हजार रुपए प्रति एकड़ है। इसके लिए प्रीमियम राशि (2.5 प्रतिशत) 750 रुपए प्रति एकड़ है। फल के लिए बीमा राशि 40 हजार रुपए प्रति एकड़ निर्धारित है, जबकि प्रीमियम राशि (2.5 प्रतिशत) 1000 रुपए प्रति एकड़ है।
25% तक सब्जियों-मसालों के नुकसान पर मुआवजा नहीं
नुकसान प्रतिशत आकलन के लिए 4 श्रेणी (0 से 25 प्रतिशत, 26 से 50 प्रतिशत, 51 से 75 प्रतिशत व 75 से 100 प्रतिशत) बनाई गई हैं। बागवानी विभाग की टीम मौके पर जाकर नुकसान का आकलन करेगी। नुकसान प्रतिशत के अनुसार ही मुआवजा दर को भी 4 श्रेणियों में बांटा गया है।
- सब्जियों एवं मसालों के लिए यदि नुकसान 0 से 25 प्रतिशत है तो मुआवजा शून्य रहेगा।
- 26 से 50 प्रतिशत नुकसान के लिए 15 हजार तथा फलों के लिए 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देंगे।
- नुकसान 51 से 75 प्रतिशत है तो सब्जियों व मसालों के लिए 22500 रुपए एवं फलों के लिए 30 हजार प्रति एकड़ मुआवजा होगा।
- नुकसान दर 76 से 100 प्रतिशत होता है तो मुआवजा सब्जियों व मसालों के लिए 30 हजार रुपए व फलों के लिए 40 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाएगा।
ऐसे उठाएं योजना का लाभ
योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी बागवानी की फसलों का पंजीकरण बागवानी पोर्टल पर करवाना अनिवार्य है। www.khushalbagwani.hortharyana.gov.in पोर्टल पर जाकर मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना www.mbby.hortharyana.gov.in के लिंक को खोलना होगा। वहां पंजीकरण करें और मौसम के अनुसार बागवानी फसलों का चयन करके अपना क्षेत्र भरें। प्रीमियम राशि देय करें और इसके बाद जो पेज आएगा, उसका प्रिंट निकाल कर अपने पास रख लें। इसका पोर्टल 15 सितंबर से खुल चुका है।