13 जनवरी 2022 | मकर संक्राति का त्योहार आने को है। हर साल इसे 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस फेस्टिवल पर खिचड़ी खाने की परंपरा भी है। खिचड़ी का भोग भगवान को लगाया जाता है साथ ही दाल और चावल मिलाकर खिचड़ी का अनाज दान भी किया जाता है। यही वजह है कि त्योहार को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर ज्यादातर जगहों पर उड़द की दाल की खिचड़ी बनती है। वहीं कुछ लोग मूंग की दाल में उड़द की दाल मिलाकर भी बनाते हैं। खिचड़ी खाने में काफी टेस्टी होती है। बात अगर इसके फायदे की करें तो आप गिनते रह जाएंगे।
पोषण से भरपूर
हमारे शरीर अच्छी तरह से काम करने के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट की जरूरत होती है। खिचड़ी इन तीनों चीजों का टेस्टी मिक्सचर होती है। इसमें दाल प्रोटीन, चावल कार्बोहाइड्रेट और घी फैट होता है। इस तरह से इसे संपूर्ण भोजन माना जा सकता है। जब आप इसमें तरह-तरह की सब्जियां, हल्दी और हल्की काली मिर्च भी डालते हैं तो बाकी जरूरी माइक्रोन्यूट्रिंट्स भी शरीर को मिल जाते हैं। इन सबसे आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहती है और आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते।
पचाने में आसान
अगर आप बीमार हैं तो धुली मूंग की दाल की खिचड़ी बनाएं। यह पचाने में आसान होती है। जब आप बीमार होते हैं तो शरीर को बीमारी से लड़ने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है। ऐसे में खिचड़ी खाने से खाना पचाने में एनर्जी वेस्ट नहीं होती और आप जल्दी रिकवर होते हैं।
वजन कम करने वालों के लिए बेस्ट
वजन कम करने वाले ज्यादा दाल और कम चावल के साथ लाजवाब खिचड़ी का डिनर कम कर सकते हैं। जो लोग ग्लूटेन सेंसिटिव हैं। उनके लिए भी यह बेस्ट ऑप्शन है।
आयुर्वेद में भी माना गया सुपरफूड
आयुर्वेद में भी खिचड़ी को सुपरफूड माना जाता है। इसे त्रिदोषिक भोजन माना जाता है जो कि वात, पित्त और कफ तीनों तरह के दोष बैलेंस करती है। इन दोषों का संतुलन बिगड़ने से ही बीमारियां होती हैं। यह शरीर को शांत रखती है और डिटॉक्स भी करती है। साथ ही एनर्जी, डाइजेशन और इम्यूनिटी के लिए भी इसे बेस्ट फूड माना जाता है।
Source;-“हिंदुस्तान”