23 नवंबर 2022 | हर साल नवंबर के महीने को लंग कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1995 में हुई थी। इस स्पेशल मौके पर रैलियां और बड़े-बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके उद्देश्य की बात करें तो लोगों को लंग कैंसर के प्रति शिक्षित और जागरूक करना है। ये काफी गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से काफी बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ सालों में इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है। ऐसे में लंग कैंसर के बारे में जागरूकता और सही जानकारी होना आवश्यक है। लंग कैंसर अवेयरनेस 2022 की थीम “ए ब्रीद ऑफ प्रिवेंशन” है।
जहां तक लंग कैंसर होने के कारणों की बात है तो इसका सबसे मुख्य कारण धूम्रपान को ही बताया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसा देखा जा रहा है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं वो भी इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या में करीब चार गुना की वृद्धि देखी जा रही है, जो बिना धूम्रपान किए ही लंग कैंसर के शिकार हो रहे हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर आप किसी भी तरह से स्मोकिंग के धुएं के संपर्क में आते हैं तो आपके लिए वो कैंसर का जन्मदाता हो सकता है। इसलिए अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो धूम्रपान वाले एरिया से भी दूरी बना कर रखें। इसके अलावा प्रदूषण भी लंग कैंसर का कारण हो सकता है। तो आइए जानते हैं लंग कैंसर के लक्षण और इससे बचाव के बारे में।
जानें लंग कैंसर के लक्षण
- लंग कैंसर से पीड़ित व्यक्ति जब सांस लेते हैं तो उनके सीने से सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है।
- लंबी या गहरी सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगती है।
- गले और चेहरे में सूजन होना। ऐसे में बिना देरी के डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- पीठ, कंधों और सीने में दर्द महसूस होना।
- कफ संबंधित परेशानी होना, जैसे थूक में खून या कफ का आना भी लंग कैंसर के लक्षणों में से एक हो सकता है।
लंग कैंसर से बचाव कैसे करें?
- कई बार खतरनाक केमिकल के संपर्क में आने से भी लोग लंग कैंसर से पीड़ित हो जाते हैं। तो अगर आप भी किसी ऐसे जगह पर काम कर रहे हैं या फिर आपका घर ऐसे जगहों के पास है जहां पास में केमिकल्स की फैक्ट्री हो या फिर हवा में किसी वजह से केमिकल मौजूद हो, तो डॉक्टर की सहायता से अपने घर को सुरक्षित बनाने का प्रयास करें।
- स्मोकिंग करने वाले लोगों में लंग कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए स्मोकिंग करने से बचें। अगर आप पहले से इसके आदि हैं तो धीरे-धीरे अपनी आदत को सुधारें।
- नियमित तौर पर डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करें। इससे आपके फेफड़े तो मजबूत होंगे ही साथ ही बॉडी को डिटॉक्स होने में भी सहायता मिलेगी।
- नियमित तौर पर एक्सरसाइज, योग और प्राणायाम करें। इससे मांसपेशियों और दिल को सही से ऑक्सीजन मिलती है।
- अपने दिनचर्या में हेल्दी डाइट को अपनाएं। जैसे आप अपने डाइट में हरी सब्जियां, मौसमी फल, नेचुरल फूड्स, जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो।
सोर्स :-” इंडिया TV ”