• May 5, 2024 8:19 am

लोकसभा चुनाव: यूपी की इन 8 सीटों से तय हो जाएगा किसकी चल रही है लहर?

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. इस चरण में यूपी की 8 सीटों पर वोटिंग होगी. 2019 लोकसभा चुनाव में अमरोहा के अलावा सभी सात सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

पिछले चुनाव में अमरोहा सीट बसपा के खाते में गई थी. वहीं चार सीटों पर बहुजन समाजवादी पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी. यानी इस लोकसभा चुनाव में यहां बसपा के लिए अच्छा मौका है.

दूसरे चरण के चुनाव में बीजेपी के लिए इन सीटों पर पिछली बार की तरह ही जीत हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती होगी. जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए पूरा आसमान है.

ऐसे में उन 8 सीटों के बारे में जानते हैं जिससे तय हो जाएगा यूपी में  किसकी चल रही है लहर?

मेरठ: राम के नाम की परीक्षा

मेरठ में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने तीन बार से सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर उनकी जगह रामायण धारावाहिक में राम के किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल को चुनावी मैदान में उतारा है. चुनाव प्रचार के दौरान अरुण शुरुआत में तो राम के नाम पर वोट मांग रहे थे लेकिन प्रचार के अंतिम समय में वह जाति की दुहाई देते दिखे.

वहीं सपा ने मेरठ सीट पर पहले दलित, फिर गुर्जर और फिर वापस दलित समाज से ताल्लुक रखने वाली पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को रणभूमी में उतारकर मुस्लिम-दलित का समीकरण बनाने की कोशिश की है. जबकि बसपा की तरफ इस सीट पर देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा गया है. देवव्रत के जरिए बसपा ने परंपरागत वोटबैंक के साथ त्यागी समाज के वोटर्स को साधने की भी कोशिश की है.

इस क्षेत्र में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का विस्तार को प्रमुख मुद्दा बनाया है. इसके अलावा इस चुनाव में गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग, मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना भी प्रमुख मुद्दे थे.

अमरोहा: इस सीट का परिणाम तय कर सकते हैं मुसलमान वोटर्स

इस सीट पर दूसरे तरण में कुंवर दानिश अली, डॉ. मुजाहिद हुसैन और कंवर सिंह तंवर के बीच मुकाबला होगा. कुंवर दानिश अली कांग्रेस की तरफ से मैदान में हैं. दानिश इसी सीट पर बसपा से सांसद भी रह चुके है.

बहुजन समाज पार्टी ने यहां से डॉ. मुजाहिद हुसैन को मैदान में उतारा है, तो भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 2019 के चुनाव हारने वाले गुर्जर बिरादरी के पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर को एक बार फिर टिकट दिया गया है.

इस सीट बीजेपी ने जहां गुर्जर, जाट, सैनी सहित अन्य जातियों को लामबंद करने की कोशिश की गई है. तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दानिश अली इतिहास दोहराने के फिराक में हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अपने परंपरागत वोटबैंक के साथ यहां के मुस्लिमों वोटर्स को भी साधने की कोशिश की है.

चुनाव में अमरोहा सीट का प्रमुख मुद्दा आम बागवानों को एक्सपोर्ट की सुविधा की दरकार और प्रदूषण है.

गौतमबुद्धनगर: उलझे हैं जातीय समीकरण

नोएडा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने दो बार से सांसद रहे ब्राह्मण बिरादरी के डॉ. महेश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि कुछ इलाके में क्षत्रिय समाज के लोगों ने बीजेपी को लेकर नाराजगी जताई है, तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने डॉ. महेश शर्मा का टिकट काटकर डैमेज कंट्रोल की पूरी कोशिश की है.

सपा ने यहां से गुर्जर समाज के डॉ. महेंद्र नागर को उतारा है. उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम वोटर के साथ ही गुजर्रो का वोट भी मिल जाएगा. जबकि बसपा ने क्षत्रिय समाज पूर्व विधायक राजेंद्र सोलंकी को टिकट दिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने खुद गुर्जर बहुल इलाके में जनसभा कर इस बात की घोषणा कर चुकी हैं कि उन्होंने बीजेपी को रोकने के लिए क्षत्रिय उम्मीदवार उतारा है.

इस सीट के प्रमुख मुद्दों में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा मिलने में देरी, उद्योगों से निकलने वाले कचरे के लिए डंपिंग ग्राउंड शामिल है.

अलीगढ: यहां की टक्कर होगी दिलचस्प 

भारतीय जनता पार्टी ने अलीगढ़ में दो बार से सांसद सतीश गौतम पर दांव लगाया है. जबकि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से आए जाट समाज के पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह को मैदान में उतारकर जाट बिरादरी को जोड़ने की कोशिश की है और साथ ही मुस्लिमों की एकजुटता का सहारा भी है. वहीं बसपा ने यहां से ब्राह्मण समाज के हितेंद्र कुमार उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

source abp news

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