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भगवान जगन्नाथ त्रिलोक्यमोहिनी ध्वज वाले विशाल ‘नंदीघोष’ पर होंगे सवार, 

28 जून 2022 |पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) 01 जुलाई से शुरु हो रही है. यह रथ यात्रा 9 दिन की होती है. पुरी धाम के भगवान जगन्नाथ आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी 01 जुलाई दिन शुक्रवार को अपने विशाल रथ नंदीघोष पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे. वे अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ तीन अलग रथों पर सवार होकर अपनी ‘मौसी के घर’ गुंडिचा मंदिर जाएंगे. वहां पर वे 7 दिनों तक विश्राम करते हैं और फिर अपने धाम पुरी वापस लौटते हैं. धार्मिक मान्यता है कि पुरीवासियों का हालचाल जानने के लिए हर वर्ष प्रभु जगन्नाथ नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं भगवान जगन्नाथ के ‘नंदीघोष’ रथ और बलराम तथा बहन सुभद्रा के रथों की विशेषताएं.

जगन्नाथ रथ यात्रा 2022: रथों की विशेषताएं
1. भगवान जगन्नाथ जी जिस रथ पर सवार होते हैं उसका नाम ‘नंदीघोष’ है. उस पर त्रिलोक्यमोहिनी ध्वज लहराता है. इस रथ को ‘गरुड़ध्वज’ भी कहा जाता है.

2. रथ यात्रा में तीन रथ होते हैं, जिसमें दूसरा बड़ा रथ नंदीघोष होता है. यह 42.65 फीट ऊंचा होता है.

3. नंदीघोष रथ में 16 पहिए होते हैं. यह लाल और पीले रंग का होता है. इस रंग से रथ को दूर से ही पहचान सकते हैं कि इसमें भगवान जगन्नाथ जी सवार हैं.

4. ‘नंदीघोष’ के सारथी दारुक हैं, जो भगवान जगन्नाथ को नगर भ्रमण कराते हैं. हालांकि इन रथों को मोटे रस्सों की मदद से खींचा जाता है.

5. भाई बलराम जी के रथ का नाम ‘तालध्वज’ है. यह रथ 43.30 फीट ऊंचा होता है. यह जगन्नाथ जी के रथ से थोड़ा ही बड़ा होता है.

6. यह रथ लाल और हरे रंग का होता है, जिसमें 14 पहिए लगे होते हैं.

7. ‘तालध्वज’ रथ के सारथी मातलि हैं.

8. दोनों भाइयों की छोटी बहन सुभद्रा जी ‘दर्पदलन’ रथ पर सवार होती हैं. यह रथ दोनों भाइयों के रथों से छोटा होता है. इसकी ऊंचाई 42.32 फीट होती है.

9. ‘दर्पदलन’ रथ लाल और काले रंग का होता है, इसमें 12 पहिए लगे होते हैं.

10. सुभद्रा जी के रथ के सारथी अर्जुन हैं.

सोर्स;-“न्यूज़ 18”   

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