• May 5, 2024 10:18 am

Mahashivratri 2024: भगवान शिव की वजह से ही हुई थी नारी की उ अर्धनारीश्वर रूप की रोचक कथा

ByADMIN

Mar 2, 2024

भगवान शिव सभी देवताओं में प्रमुख माने जाते हैं, इसलिए उनको देवाधिदेव महादेव कहा जाता है. वहीं भगवान शिव बहुत ही भोले भी हैं इसलिए उनको भोले बाबा या भोले नाथ कहा जाता है. महादेव और भोले नाथ की तरह भगवान शिव को अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है. आइए उनके इस स्वरूप के विषय में जानते हैं.

Ardhnarishwar Bhagwan Shiv : हिंदू धर्म में भगवान शिव का खास स्थान माना जाता है. भगवान शिव को कई रूपों या नामों से पूजा जाता है. जिनमे महादेव और भोलेबाबा और अर्धनारीश्वर सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप में उनका आधा शरीर पुरुष का है और आधा शरीर स्त्री का, इसलिए ही भगवान शिव को अर्धनारीश्वर पुकारा जाता है. भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप के पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है कि क्यों उन्हें आधी स्त्री और आधे पुरुष का रूप धारण करना पड़ा. आइए विस्तार से जानते हैं.

इस कारण भगवान शिव कहलाएं अर्धनारीश्वर

पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि के निर्माण की जिम्मेदारी ब्रह्माजी को दी गई. जब ब्रह्माजी ने प्रारंभ में सृष्टि की जो मानसिक रचना की, वो सृष्टि विस्तार न पा सकी. तब ब्रह्माजी को एहसास हुआ कि उनकी बनाई इस सृष्टि का विस्तार नहीं होगा और ये कुछ समय बाद विलुप्त हो जायेगी और उन्हें दोबारा फिर से सृष्टि का सृजन करना पड़ेगा. इस बात से ब्रह्माजी बहुत दुखी हो गए.

उसी समय एक आकाशवाणी हुई, हे ब्रह्म! मैथुनी सृष्टि की रचना करो. आकाशवाणी को सुनकर ब्रह्मा जी ने मैथुनी सृष्टि रचने का निश्चय किया, लेकिन उस समय तक नारी की उत्पत्ति नहीं हुई थी इस कारण ब्रह्माजी किसी निर्णय तक नहीं पहुंच सके कि मैथुनी सृष्टि की रचना किस तरह से करें. तब ब्रह्माजी ने विचार किया कि इस समस्या का हल भगवान शिव ही निकाल सकते हैं, तब उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप आरंभ कर दिया.

उनके कठिन तप से प्रसन्न होकर एक दिन भगवान शिव ने उन्हें अर्धनारीश्वर के रूप में दर्शन दिए. इसके बाद भगवान शिव ने अपने शरीर के आधे भाग से देवी उमा को अलग कर दिया. इस प्रकार भगवान शिव से शक्ति अलग हुईं. इसके बाद शक्ति ने अपनी भृकुटि के मध्य से अपने ही समान कांति वाली एक अन्य शक्ति प्रकट की, जिन्होंने दक्ष के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया. इस प्रकार सृष्टि के विस्तार के लिए भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप धारण किया था तभी से उन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाने लगा.

स्रोत :- ” TV9 भारतवर्ष ”   

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *