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अक्टूबर में डूब गए कई जनपद, ऐसा पिछले 25 वर्षों में कभी नहीं देखा, जानें सीएम योगी ने ऐसा क्यों कहा?

10 अप्रैल 2023 |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को इंदिरा प्रतिष्ठान में नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव 2023 का उद्घाटन किया।
इस कॉन्क्लेव में देश के कई राज्यों से पर्यावरण के जानकार और वैज्ञानिक इसमें शामिल होने पहुंचे हैं। कार्यक्रम में सीएम योगी ने पर्यावरण को समाज के लिए बहुत जरूरी बताया और इसके संरक्षण पर चर्चा की।
ये हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रयास
सीएम योगी ने कहा कि पुराने समय में ऋषि-मुनि वृक्षों के नीचे बैठकर तपस्या करते थे, वृक्षों के नीचे ही हमारे क्रांतिकारियों ने जंगल में आजादी को लेकर बड़ी-बड़ी कार्ययोजनाएं बनाईं थीं। वृक्ष हमारी विरासत हैं और इन्हें बचाने का प्रयास सभी को करना होगा। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण में यूपी के प्रयासों के बारे में बताया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा सदैव पर्यावरण हितैषी रही है, लेकिन मनुष्य ने अपने स्वार्थ में पर्यावरण के साथ जो खिलवाड़ किया, उसका दुष्प्रभाव जलवायु परिवर्तन के रूप में आज हमारे सामने है। जलवायु परिवर्तन आज की बड़ी चुनौती है।
पिछले छह वर्षों में प्रदेश में 135 करोड़ पौधे रोपित किए गए, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में वन आच्छादन बड़ा है। इस वर्ष भी प्रदेश में जुलाई के पहले हफ्ते में एक दिन में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में 8000 से अधिक अमृत सरोवर तैयार किए गए। राज्य सरकार ने 100 वर्ष से पुराने विरासत वृक्षों को चिन्हित करने का काम भी वर्ष 2019 में शुरू किया।
नामामि गंगे का मिला सुखद परिणाम
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि नमामि गंगे परियोजना के सुखद परिणाम देखने को मिले हैं। गंगा में विलुप्तप्राय हो चुकी गांगेय डाल्फिन अब फिर नजर आने लगी है। डीजल और पेट्रोल चालित पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए राज्य सरकार नई नीति लेकर आई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने नई नीति लागू की है।
अक्टूबर में हुई बारिश से कई जिले प्रभावित
पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में अक्टूबर में वर्षा हुई और प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। ऐसा पिछले 25 वर्षों में कभी नहीं देखा गया। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता संभालते ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कार्य किए।
सोर्स :- ” पत्रिका”                                     

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