आखिरकार स्वास्थ्य विभाग जाग ही गया
मध्य प्रदेश के सागर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से लगातार इंजेक्शन व ट्रीटमेंट के दौरान तीन चार लोग की मौत हो गई तब प्रशासन को होश आया कि इस पर सख्ती की जाए की जाए पर देर तो हो चुकी है कई जाने जा चुकी है पर जब जागो तभी सवेरा इससे कम से कम भविष्य में इस तरह की मौत की घटनाओं से बचा जा सकता है
दरअसल मामला यह है की मध्य प्रदेश के सागर जिले के बरायथा गांव में एक बंगाली डॉक्टर की क्लीनिक को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सील की जिसमें बड़ी मात्रा में एलोपैथी दवाइयां बोतल सिरिंज जप्त की गई विभाग में पंचनामा बना कर पुलिस प्रशासन को सौंप दिया है शाहगढ़ बीएमओ ने बताया किCHMO के निर्देश पर क्षेत्र में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई है इसमें डॉक्टर कुलदीप सिंह डॉक्टर सौरभ जैन बीएमसी संजय पाराशर भी के अग्निहोत्री आरक्षण प्रवीण को शामिल किया गया है 10 से अधिक एलोपैथिक दवाइयां का उपयोग कार्यवाही करने पहुंचे डॉक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि सरकार के पास बंगाल की डिग्री पाई गई वह इलाज के लिए दवाई का उपयोग कर रहा था
लापरवाही से पीड़ित मरीज की तबीयत बिगड़ी तो बंगाली डॉक्टर से बुखार का इलाज करने के बाद हालत बिगड़ने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज इलाज करने आए मरीज सुनील ने बीएमओ को शिकायत की थी उसमें बताया कि डॉक्टर अलिफ सरकार एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहा है उसके द्वारा दी गई गलत दवा से तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई गांव के नरोत्तम ने शिकायत में बताया कि बंगाली डॉक्टर की दवा से उसके भाई की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई उसका इलाज उसे बाहर करना पड़ा
किंतु प्रश्न यह उठता है यह तो बरसता है जो सागर मुख्यालय से दूर है सागर मुख्यालय के ऐसे कई बंगाली कई मद्रासी और पता नहीं किस-किस प्रकार के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं जिनका ध्यान स्वास्थ्य स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल भी नहीं दे रहा है
स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि पहले वह अपना जिला मुख्यालय देखें उसके बाद इस तरह की अन्य कार्यों को देखें हालांकि देखना दोनों को जरूरी है पर जो आंखों के सामने हो रहा है उसे अनदेखा तो ना करें|
PromptTimes: Kayum Khan (MP State Bureau Chief)