मुंबई में रिश्वतखोर फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने एक होटल व्यवसायी से रिश्वत की मांग की थी. राशि भी तय कर ली गयी. पैसे भी हाथ आ गये. लेकिन उसी समय एंटी करप्शन विभाग के अधिकारी आ गए.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक बेहद अलग और चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है. मुंबई नगर निगम का एक अधिकारी रिश्वत लेने के मामले में एंटी करस्शन ब्यूरो (एसीबी) के रडार पर आ गया. एसीबी अधिकारी ने नगर निगम अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया लेकिन ये बीएमसी का अफसर चालाक था. उसे इस बात की भनक लग गई कि उसे फंसाने के लिए जाल बिछाया गया है. भनक लगते ही उसने रिश्वत के रूप में लिए गए पैसों को शौचालय में फेंक दिया. वहीं पैसों को शौचालय में फेंके जाने की जानकारी मिलने पर एसीबी अधिकारियों ने नालों की तलाशी शुरू कर दी. उन्होंने इलाके के हर नाले की तलाशी ली और नोट भी जब्त किए.
बोरीवली में एक रेस्तरां का मालिक पाइप गैस कनेक्शन चाहता था. इसके लिए होटल मालिक ने एक कंपनी को हायर किया. लेकिन इस कनेक्शन को लगाने के लिए नगर पालिका से अनुमति की आवश्यकता थी. नगर पालिका की एनओसी जरूरी थी. ऐसे में एक व्यक्ति ने इस कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. लेकिन ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर इस व्यक्ति ने नगर पालिका के सीनियर फायर ब्रिगेड के अधिकारी प्रह्लाद शिटोले से संपर्क किया. शिटोले का ऑफिस दहिसर इलाके में लिंक रोड पर है. जिस बिल्डिंग में शिटोले का ऑफिस है उसी में चौथी मंजिल पर उसका घर है.
एसीबी ने बिछाया जाल
पीड़ित के मुताबिक शिटोले ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने रिश्वत के तौर पर डेढ़ लाख रुपये की मांग की. जब पीड़ित ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया तो रिश्वत की रकम घटाकर 60 हजार रुपये कर दी गई. पीड़ित ने सीधे एसीबी से संपर्क किया. एसीबी ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया. एसीबी ने पीड़ित को नोटों के बंडल दिए. जिन्हें चिन्हित किया गया था. पीड़ित इन नोटों को लेकर अधिकारी के पास गया. उन्हें नोट्स दिए गए लेकिन उन नोटों को देखकर अधिकारी को शक हो गया. उन्होंने तुरंत नोटों को अपने कार्यालय के शौचालय में फेंक दिया और फ्लश बटन दबा दिया.
नालों में मिले नोटों के बंडल
इसके बाद एसीबी अधिकारियों ने शितोले को गिरफ्तार कर लिया. उनकी गहन जांच की गई. उस वक्त उन्होंने माना था कि उन्होंने 60 हजार रुपये टॉयलेट में फेंक दिए थे. इसके बाद पुलिस ने इन नोटों को निकालने के लिए एक या दो नहीं बल्कि 20 नालियां खोल दीं. एसीबी की टीम नोट ढूंढने लगी. इस दौरान एसीबी के अधिकारियों को सीवर में 57 हजार रुपये मिले हैं. तीन हजार रुपये अभी तक अधिकारियों को नहीं मिले हैं. अधिकारियों ने सबूत के तौर पर इन नोटों को जब्त कर लिया है. साथ ही एसीबी की टीम ने शिटोले की शर्ट, बाथरूम का ताला और मुख्य दरवाजे से फिनोलफथेलिन पाउडर जब्त किया गया है. यह पाउडर करेंसी नोटों पर भी लगाया जाता था.
SOURCE – TV9 BHARATVARSH