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इजरायल में नेफ्टाली बेनेट ने आते ही फिलिस्तीन को दिया झटका

ByPrompt Times

Jun 15, 2021

15 जून-2021 | नेफ्टाली बेनेट की अगुवाई वाली इजरायल की नई सरकार ने मंगलवार को यरुशलम में यहूदी राष्ट्रवादियों को विवादित मार्च निकालने की इजाजत दी है. पूर्वी यरुशलम में यहूदी राष्ट्रवादियों को विवादित मार्च निकालने की इजाजत दी है. पूर्वी यरुशलम में तनाव को देखते हुए पैदल मार्च निकाले जाने से पहले बड़े पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. हमास ने इस मार्च को लेकर टकराव होने की धमकी दी है. हमास ने कहा है कि इस मार्च से दोनों पक्षों में फिर से तनाव बढ़ सकता है. ये मार्च 10 मई को निकाला जाना था लेकिन सुरक्षा वजहों से इसकी इजाजत नहीं दी गई थी. माना जा रहा है कि ‘मार्च ऑफ फ्लैग’ में कई दक्षिणपंथी गुट शामिल होंगे. मार्च में शामिल इजरायली हाथों में झंडे लिए राष्ट्रवादी गीत गाते हुए दमिश्क गेट से दाखिल होते हैं और पूर्वी यरुशलम की पुरानी गलियों से होते हुए वेस्टर्न वॉल तक पहुंचते हैं. नेफ्टाली बेनेट की नई सरकार ने मार्च निकालने की अनुमति देने का तब फैसला किया है जब शेख जर्राह से फिलिस्तियों को निकाले जाने की योजना को लेकर भारी तनाव बना हुआ है. हमास की धमकियों के बीच इजरायल के नए गृह मंत्री ने कहा कि इस आयोजन को रद्द करने की कोई योजना नहीं है. टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक हमास के प्रवक्ता अब्द अल-लतीफ कनौ ने एक बयान में कहा,

“फ्लैग मार्च एक विस्फोटक की तरह है जिससे यरुशलम और अल-अक्सा मस्जिद में तनाव की आग भड़केगी.”फिलिस्तीनी गुटों ने मार्च के खिलाफ मुखर होकर विरोध करने का आह्वान किया है. पिछले महीने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रदर्शनकारियों पर इजरायल की कार्रवाई में सैकड़ों फिलिस्तीनी घायल हो गए थे. फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने मार्च के बारे में कहा, “यह हमारे लोगों को उकसाने की तरह है. यह हमारे यरुशलम और हमारे पवित्र स्थलों के खिलाफ एक आक्रामकता है.” इजरायल के पुलिस प्रमुख और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक के बाद नए आंतरिक सुरक्षा मंत्री ओमर बारलेव ने मार्च को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि पुलिस हालात से निपटने के लिए तैयार है. स्थिति को संभालने के प्रयास किए जा रहे हैं. बारवेल ने कहा,पुलिस अच्छी तरह से तैयार है और जीवन के नाजुक ताने-बाने और सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एक बड़ा प्रयास कियाजा रहा है.  हमास ने मार्च पर नए सिरे से तनाव बढ़ने की चेतावनी दी है जबकि इजरायली सेना संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. वहीं यरुशलम में अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को “यरुशलम फ्लैग मार्च और संभावित जवाबी प्रदर्शनों के आह्वान के कारण” मंगलवार को पुराने शहर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. पूर्वी यरुशलम में इजरायल के राष्ट्रवादियों का यह मार्च 10 मई को निकलना था लेकिन अंतिम समय में इसे तब टालना पड़ा जब अल-अक्सा मस्जिद में तनाव भड़क गया. अल-अक्सा मस्जिद में नमाजियों पर कार्रवाई और शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली के चलते हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले शुरू कर दिए. इसके बाद दोनों पक्षों में शुरू हुआ खूनी संघर्ष 11 दिनों तक चला. इसमें 250 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए जबकि इजरायल में 13 लोगों की मौत हो गई. 

क्या है विवाद की वजह?

असल में, मार्च का रूट तनाव को बढ़ाने वाला साबित होता है. मार्च से पहले स्थानीय अरब लोगों को अपनी दुकान बंद करनी पड़ती है. वहीं यहूदी इस रूट में बदलाव का विरोध करते हैं. जब भी यह मार्च निकलता है, हिंसा होती है. 5 जून 1967 को इजरायल और अरब देशों के बीच छह दिन जंग चली थी. इसके बाद इजरायल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था. इजरायल ने मिस्र से गाजा पट्टी और सिनाई, सीरिया से गोलन पहाड़ियों और जॉर्डन से वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था. इजरायल ने मिस्र से गाजा पट्टी और सिनाई, सीरिया से गोलन पहाड़ियों और जॉर्डन से वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम को अपने कब्जे मे ले लिए थे. इस जीत के बाद इजरायल ने पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी माना और बड़ी संख्या में यहां से फिलिस्तीनियों को हटाया गया. इसी दिन के अवसर पर यहूदी यरुशलम दिवस मनाते हैं जिसका फिलिस्तीनी विरोध करते हैं. फिलिस्तीनी इससे उकसावे वाला मार्च मानते हैं. मार्च में यहूदी यरुशलम के मुस्लिम इलाकों से होकर गुजरते हैं और वेस्टर्न वॉल की तरफ जाते हैं. माउंट टैम्पल की दीवार को वेस्टर्न वॉल कहते हैं जो यहूदियों की सबसे पवित्र दीवार मानी जाती है. मार्च की तारीख हर साल बदलती है. इस साल यरुशलम दिवस 10 मई को मनाया जाना था.

Source : “Indiya tv आज तक”

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