• May 6, 2024 9:47 pm

मंडल के साथ कमंडल भी साध रहे नीतीश, क्या मां सीता से मिलेगी 2024 में सियासी शक्ति?

18 दिसंबर 2023 ! लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी एजेंडा अभी से सेट किए जाने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं, जिसे लेकर बीजेपी राजनीतिक माहौल बनाने में जुटी है. वहीं, बिहार में जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण बढ़ाने का दांव चलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मां सीता के मंदिर का शिलान्यास कर मास्टर स्ट्रोक चल दिया. सीतामढ़ी में मां सीता जन्मस्थली के पुनर्विकास के लिए 72 करोड़ रुपए की योजना का अनावरण कर सीएम नीतीश मंडल के साथ कमंडल को भी साध रहे हैं, लेकिन राम रथ पर सवार बीजेपी की हिंदुत्व पॉलिटिक्स का सामना मां सीता के सहारे कर पाएंगे?

बीजेपी से नाता तोड़कर नीतीश कुमार जब से महागठबंधन का हिस्सा बने हैं, तब से ही वो अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटे हैं. जातिगत जनगणना कराने का दांव हो या फिर आरक्षण लिमिट को बढ़ाने का. इस तरह से उन्होंने सामाजिक न्याय का नारा बुलंद कर दलित-पिछड़ों को सियासी संदेश देने के बाद अब बीजेपी के राम मंदिर का जवाब ढूंढते यह कह डाला कि ‘मेरे पास तो मां सीता की शक्ति है.’ सीएम नीतीश कुमार देरी किए बगैर राम मंदिर के उद्घाटन के पहले ही जानकी मंदिर का शिलान्यास कर कमंडल का भी दांव चल दिया है.

सीएम नीतीश कुमार ने चार दिन पहले बुधवार को सीतामढ़ी पहुंचे और माता सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम जाकर माता सीता के मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना किया. साथ ही उन्होंने पूरे देश को मां सीता की भव्य मंदिर के रूप में सौगात देने का न केवल वादा किया बल्कि सीता मंदिर के निर्माण का शिलान्यास भी कर डाला. नीतीश ने यह कदम अयोध्या में राम मंदिर के निर्धारित उद्घाटन से ठीक एक महीने पहले उठाया है, जिसकी वजह से उनकी राजनीतिक मंशा को भी समझा जा सकता है. इतना ही नहीं हाल के दिनों में जिस तरह से नीतीश ही नहीं बल्कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव मंदिर में पूजा-अर्चना करते नजर आए हैं, उससे राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है.

नीतीश सरकार मां सीता के जन्मस्थली पुनौराधाम (सीतामढ़ी) के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 72 करोड़ रुपये की सौगात दी है. हालांकि, केंद्र की रामायण सर्किट में शामिल 15 पर्यटन के धार्मिक स्थलों में सीतामढ़ी शामिल है. ऐसे में नीतीश सरकार ने राज्य स्तर पर सीतामढ़ी में मां सीता के मंदिर ही नहीं बल्कि साथ में कई योजनाओं की सौगात दी है. मंदिर निर्माण के साथ-साथ राज्य सरकार की योजना में छत और बलुआ पत्थर के खंभों के साथ एक परिक्रमा पथ (मंदिर की परिक्रमा करने का मार्ग) स्थापित करना शामिल है. साथ ही एक सीता वाटिका (सीता का बगीचा), लव-कुश वाटिका (लव-कुश उद्यान) और एक शांति मंडप (ध्यान के लिए क्षेत्र) की भी योजना बनाई जा रही है. सीता के जीवन को दर्शाने वाली एक 3-डी एनीमेशन फिल्म भी पाइपलाइन में है.

बिहार पर्यटन विभाग भगवान राम और सीता से जुड़े कम से कम एक दर्जन स्थलों के पुनर्विकास पर भी काम कर रहा है. इसके अलावा नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल बाबा भुवनेश्वर नाथ देकुली धाम महादेव मंदिर पहुंचकर दर्शन किया. महादेव मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर जीर्णोद्धार करने के लिए 12 करोड़ रुपये की सौगात दी. इससे पहले नीतीश पिछले साल राजगीर मलमास मेला के विकास के लिए दो करोड़ की योजना का उद्घाटन किया था. गयाधाम में पितृपक्ष महासंगम पर पहुंचे थे. इस तरह से नीतीश कुमार लगातार हिंदू धार्मिक स्थलों पर पहुंच कर विकास की सौगात देकर राजनीतिक एजेंडा सेट कर रहे हैं.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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