15 सितंबर 2022 | सीयूईटी और नीट के तहत होने वाले मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं का विलय करके एक परीक्षा कराने का प्रस्ताव फिलहाल दूर की कौड़ी लग रहा है। एक तरफ विशेषज्ञ इसे मौजूदा परिस्थितियों में व्यवहारिक नही मान रहे हैं। वहीं सरकार का भी मानना है कि अगर इस प्रक्रिया को अपनाना है तो अभी काफी वक्त लगेगा। कई चीजों को दुरुस्त किए बिना सरकार इसे शुरू नही कर सकती।
एक अधिकारी ने कहा कि खुद शिक्षा मंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि अभी इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूर नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा कि अभी कई व्यवहारिक पहलुओं को खंगालने की जरूरत है। फिलहाल सरकार का ध्यान सीयूईटी में सामने आई विसंगतियों को दूर करने पर है। परीक्षा के दौरान जो भी कमियां सामने आई हैं उन्हें संबंधित एजेंसी एनटीए द्वारा दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा, नीट जैसी परीक्षा को सीयूईटी में विलय करना है तो कई स्तर पर सुधार करने होंगे। एक परीक्षा,एक नियामक आयोग जैसे कई सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सामने आए हैं। इनपर मंथन चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि उच्च शिक्षा आयोग के गठन को लेकर भी काफी तेजी से काम हुआ है। इसके बाद उच्च शिक्षा में कई तरह के बदलाव की अपेक्षा की जा रही है।
उच्च शिक्षा से जुड़े सभी अटके प्रस्तावों को लेकर तेजी दिखाई जा रही है। उच्च शिक्षा से जुड़े बदलावों में डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के गठन एवं देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने के भी प्रस्ताव शामिल हैं।