20 मई 2022 | हिमाचल प्रदेश में अब बसों की छत पर न यात्री बैठेंगे और न ही सामान लदेगा। हालांकि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट का एकमात्र जरिया रोडवेज है। लोग सुबह-शाम अपना सारा सामान बसों की छतों पर बने कैरियर पर लादकर ही लाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम केंद्र के मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपाेर्ट एंड हाईवे के आदेश के बाद बिना कैरियर वाली बसाें काे ही दौड़ाएगा। HRTC काे मिलने वाली नई 205 बसाें में भी कैरियर नहीं लगाया गया है, जिनमें से 7 नई बसें हिमाचल रोडवेज के नालागढ़ डिपो पर पहुंच गई हैं।
लेकिन इस नई व्यवस्था से लोग नुकसान होने की बात कह रहे हैं। अब लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। जिला शिमला की बात करें तो यहां पर अधिकतर दूरदराज के क्षेत्र हैं, जिनके निवासी गांव से शहर में अपनी सब्जियां और दूध बेचने के लिए लाने को बसों का प्रयोग करते हैं।
बस के अंदर जगह न होने के चलते, छत पर बने कैरियर पर दूध और सब्जियां रखी जाती हैं, ताकि वह आसानी से बाजार तक पहुंच जाते हैं। अब लोगों को सामान लाने और ले जाने में दिक्कत होगी, जबकि इसका एक फायदा यह होगा कि छत पर बैठने की वजह से होने वाले हादसे अब नहीं होंगे।
प्राइवेट बसाें में कैरियर, सरकारी में क्याें नहीं
HRTC कर्मचारी समन्वय समिति केे सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि जाे प्राइवेट बसें आ रही हैं, उसमें ताे कैरियर हाेते हैं, जबकि HRTC के लिए यह नियम हैं। प्रबंधन काे इस बारे में अपनी बात रखनी चाहिए, क्याेंकि यात्रियाें काे सामान रखने के लिए कैरियर की जरूरत हाेती है।
केंद्रीय मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपाेर्ट एंड हाईवे के आदेश हैं
HRTC के डिविजल मैनेजर देवासेन नेगी का कहना है कि केंद्र के मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपाेर्ट एंड हाईवे के आदेश है कि किसी भी पैसेंजर बस की छत में कैरियर नहीं हाे सकता है। ऐसे में अब जाे भी बसें आएंगी, वह बिना कैरियर की हाेंगी। इन नई बसाें काे हम लॉन्ग रूट पर चलाएंगे।
Source;- ‘’दैनिकभास्कर’’