• May 7, 2024 2:22 pm

कनेक्शन काटने पहुंचे NRDA कर्मचारी, कहा- पैनल से बिजली ले बल्ब और लाउडस्पीकर चला रहे; जमकर हंगामा

07 अप्रैल 2022 | तीन महीने से धरने पर बैठे नया रायपुर क्षेत्र के किसानों को NRDA (नवा रायपुर विकास प्राधिकरण) ने बिजली चोरी का नोटिस दिया है। आरोप लगाया गया है कि आंदोलनकारी NRDA कार्यालय के पैनल से बिजली लेकर धरना स्थल पर बल्ब और लाउडस्पीकर चला रहे हैं। यह काम प्राधिकरण की संपत्ति के दुरुपयोग और चोरी की श्रेणी में आता है। इस नोटिस के बाद किसान भड़के हुए हैं।

एनआरडीए के कर्मचारी बुधवार को आंदोलन पंडाल की बिजली काटने पहुंचे थे। यह देखकर वहां बैठे किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। भारी विरोध के बाद कर्मचारी वापस लौट गए। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, एनआरडीए के कर्मचारी मंगलवार रात को नोटिस लेकर आए थे। उनका कहना था, हम लोग चोरी से बिजली जला रहे हैं।

समिति ने वह नोटिस लेने से इनकार कर दिया। बुधवार को एनआरडीए के कर्मचारी बिजली काटने पहुंच गए। धरने पर मौजूद किसानों, युवाओं और महिलाओं ने इसका तीखा विरोध किया। उसके बाद वे कर्मचारी वहां से लौट गए। फिलहाल नोटिस की भाषा को लेकर सभी 27 गांवों के किसान भड़के हुए हैं।

एनआरडीए ने किसानों को यह नोटिस दिया था, जिसे रिसीव करने से आंदोलनकारियों ने इन्कार कर दिया।

एनआरडीए ने किसानों को यह नोटिस दिया था, जिसे रिसीव करने से आंदोलनकारियों ने इन्कार कर दिया।

हमारे खेत वापस करे एनआरडीए, हम पैसा लौटाने को तैयार

किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा, हमने एनआरडीए अफसरों काे कह दिया है कि यह आंदोलन उनकी नीतियों की वजह से है। आप बिजली काटोगे तो किसान उनके दफ्तर में बैठ जाएंगे। प्राधिकरण इतने लोगों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था कर ले। किसानों का कहना था, एनआरडीए उनके अधिगृहीत खेत-जमीन वापस कर दे, वे पैसा लौटाने को तैयार हैं।

आंदोलन के 100 दिन होने जा रहे हैं

तीन मार्च से शुरू हुआ आंदोलन अगले सप्ताह 100 दिन में प्रवेश कर जाएगा। इसके लिए आंदोलन में शामिल लोग बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। दर्जन भर से अधिक सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इस समय गांव-गांव में हो रही कथा और जसगीत के आयोजनों में आंदोलन के समर्थन में बात होने लगी है। इस आंदोलन में अब तक एक किसान की जान भी जा चुकी है।

इन मांगों पर अब भी अड़े हैं किसान

  • सन 2005 से स्वतंत्र भू क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को सभी गांवों से तत्काल हटाया जाए।
  • प्रभावित 27 ग्रामों को घोषित नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना निरस्त की जाए।
  • सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए।
  • प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड का वितरण किया जाए।
  • आपसी सहमतिए भू-अर्जन के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में शुल्क आवंटन।
  • अर्जित भूमि पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल दिया जाए।
  • सशक्त समिति की 12वीं बैठक के निर्णयों का पूरी तरह पालन हो।
  • मुआवजा प्राप्त नहीं हुए भू-स्वामियों को चार गुना मुआवजे का प्रावधान हो।

Source :- “दैनिक भास्कर”

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