22 नवम्बर2021 | राजधानी समेत प्रदेश में सरकारी स्कूल तीन माह पहले खुले और प्राइवेट स्कूल भी दिवाली के बाद खुल चुके हैं, लेकिन 50 फीसदी उपस्थिति की वजह से बच्चों का स्कूल आना-जाना नहीं के बराबर है। कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत छात्र संख्या सीमित करने का नतीजा यह हुआ है कि स्कूल प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी के छात्रों को अलग-अलग दिन बुला रहे हैं।
इससे एक वर्ग के बच्चे हफ्ते में अधिकतम दो-तीन दिन ही स्कूल जा रहे हैं, बाकी दिन ऑनलाइन क्लास लग रही है। अब शिक्षा विभाग बच्चों की उपस्थिति के बंधन को खत्म करते हुए कोरोना काल से पहले की तरह स्कूल लगाने की तैयारी कर चुका है। इस आशय का प्रस्ताव सोमवार को कैबिनेट में लाया जाएगा और संकेत मिले हैं कि कैबिनेट से स्कूलों में शत-प्रतिशत मौजूदगी के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाएगी तथा निर्देश भी सोमवार को ही जारी किए जा सकते हैं। प्रदेश में शासकीय, निजी व अनुदान प्राप्त सभी तरह के स्कूलों के लिए अभी एक ही तरह का निर्देश है। 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही पढ़ाई हो रही है। इसके अनुसार रोटेशन में बच्चों को बुलाया जा रहा है। लेकिन अब कोरोना को लेकर स्थितियां कुछ सामान्य है। त्योहार भी खत्म हो गए हैं। परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है। इसे लेकर अब शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है।
सरकारी स्कूलों में छात्र बढ़े
कोरोना काल रायपुर जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ी। वर्ष 2020-21 में 2.21 लाख छात्र थे। वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2.41 लाख हो गए। यानी 20 हजार छात्र बढ़े।
अभी इन शर्तों के साथ खुले स्कूल
- शहरी स्कूल खोलने के लिए संबंधित पार्षद एवं पालक समिति की अनुशंसा जरूरी।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ग्राम पंचायत एवं स्कूल की पालक समिति की अनुशंसा जरूरी।
- प्रदेश में जहां कोरोना संक्रमण दर 7 दिनों में 1 प्रतिशत से कम, वहीं होगी ऑफलाइन पढ़ाई।
- किसी भी विद्यार्थी को यदि सर्दी, खांसी, बुखार है, तो उसे कक्षा में नहीं बैठाया जाए।
- कंटेंनमेंट जोन के तहत आने वाले स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई नहीं, यानी स्कूल बंद।
सभी बच्चों को स्कूल बुलाने से बढ़ेगी भीड़
अफसरों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पहली से लेकर बारहवीं तक सभी कक्षाओं में ऑफलाइन पढ़ाई हो रही है। शासकीय स्कूलों के अलावा कई निजी स्कूलों में भी ऑफलाइन पढ़ाई चल रही है। सभी बच्चों को बुलाने की अनुमति भी मिलती है तब भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। सभी बच्चों को बुलाने से स्कूलों में भीड़ बढ़ेगी।
Source :-“दैनिक भास्कर”